मेघालय. कोनराड संगमा ने मेघालय में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. एनपीपी अध्यक्ष संगमा ने भाजपा के समर्थन से यहां सरकार बनायी है. जहां राज्यपाल गंगा प्रसाद ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. कोनराड के साथ करीब जेम्स पीके संगमा, ए एल हेक समेत कुल 11 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली.

नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के अध्यक्ष कोनराड संगमा ने रविवार को राज्यपाल गंगा प्रसाद से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था और सोमवार को मेघालय के गवर्नर ने कोनराड संगमा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था. संगमा ने कहा था, ‘मेरे पास संख्याबल होने के कारण राज्यपाल ने राज्य में सरकार बनाने के लिए मुझे आमंत्रित किया है.’

आपको बात दे कि कोनराड संगमा मेघालय के पूर्व मुख्‍यमंत्री और लोकसभा के पूर्व स्‍पीकर स्‍व.पीए संगमा के बेटे हैं. 1996 में पहली बार जब 13 दिनों के लिए अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी थी, उस समय संगमा ही स्‍पीकर थे. कोनराड संगमा की बहन अगाथा संगमा मनमोहन सिंह की सरकार में ग्रामीण विकास राज्‍य मंत्री रह चुकी हैं. कोनराड संगमा के बड़े भाई जेम्‍स अभी विधानसभा में विपक्ष के नेता थे. दोनों भाई पहली बार 2008 में विधायक बने थे. कोनराड संगमा की स्‍कूली शिक्षा दिल्‍ली के सेंट कोलंबस स्‍कूल में हुई है. वह लंदन और पेन्सिलवेनिया में भी पढ़ाई कर चुके हैं.

संगमा ने रविवार शाम राज्यपाल गंगा प्रसाद से मुलाकात की थी और 60 सदस्यीय विधानसभा में 34 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया था. शपथ ग्रहण समारोह से पहले नेशनल पीपल्स पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन के घटक दल एचएसपीडीपी ने कहा है कि बीजेपी को गठबंधन से बाहर रखा जाना चाहिए था, क्योंकि क्षेत्रीय पार्टियों के पास सरकार बनाने के लिए जरूरी संख्या है.

दरअसल मेघालय में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला है. कांग्रेस 21 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है, जबकि एनपीपी को 19 और बीजेपी को 2 सीटें मिली है. वहीं, अन्य के खाते में 17 सीटे हैं. कांग्रेस और बीजेपी लगातार UDP के संपर्क में थे, जिनके 6 विधायक हैं. यूडीपी ने आख़िरकार किंगमेकर की भूमिका निभाते हुए कोनराड संगमा की NPP को समर्थन देने का फ़ैसला किया था.