रायपुर। छत्तीसगढ़ में वन भैसों की संख्या बढ़ाने के लिए अब असम से मदद मिल रही है. असम के मानस नेशनल पार्क से 5 वन भैंसें लाने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है, बस असम सरकार की सहमति मिलनी बाकी है.

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की तकनीकी समिति की तीसरी बैठक 31 अक्टूबर को नई दिल्ली में हुई. प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार नायक की अध्यक्षता में हुई बैठक में छत्तीसगढ़ को असम के मानस नेशनल पार्क से 5 वन भैसों को भेजे जाने के प्रस्ताव को सहमति प्रदान की गई, वहीं इन वन भैसों के बदले छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव वन क्षेत्र से 40 चीतल को भेजे जाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया

समिति की सहमति से छत्तीसगढ़ को वन भैसों के मिलने की संभावना बढ़ गई है. अब समिति के फैसले पर असम सरकार को विचार करने है, सहमति मिलने के वन भैंसों को लाने की कवायद शुरू होगी. बता दें कि उदंती अभयारण्य में उम्रदराज हो चुकी ‘आशा’ ने एक बछड़े को जन्म दिया है, लेकिन प्रदेश में केवल 11 राजकीय पशु होने से वन विभाग की चिंता बढ़ी हुई थी. असम से वन भैंसों के मिलने से प्रदेश में वन भैंसों की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी.

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