कुमार इंदर, जबलपुर। भेड़ाघाट इलाके में पिछले कई दिनों से पानी और धूप में अठखेलियां कर रहा मगरमच्छ आखिरकार शनिवार को पिंजरे में कैद हो गया। पिछले कई दिनों से वन विभाग को यहां के स्थानीय लोगों को सूचना मिल रही थी इलाके में एक मगरमच्छ आए दिन पानी से निकलकर पत्थरों पर रूप से का दिखाई दे रहा है। जब भी टीम मौके पर पहुंचती तबतक  मगरमच्छ गायब हो जाता। शनिवार को फिर से वन विभाग की टीम लोगों की सूचना पर सुबह से ही डेरा डाले हुए थी। जैसे ही विभाग की टीम को भेड़ाघाट पर मगरमच्छ दिखाई दिया वन विभाग की टीम तुरंत एक्शन में आई और मगरमच्छ का रेस्क्यू कर लिया।

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वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ का रेस्क्यू तो कर लिया है लेकिन कुछ वन्य प्रेमी इस पर सवाल उठा रहे हैं। वन्य प्रेमी का कहना है कि, वन विभाग को यहां से मगरमच्छ का रेस्क्यू नहीं करना था, क्योंकि मगरमच्छ अपने नैसर्गिक इलाके में बिना किसी को नुकसान पहुंचाए हुए रह रहा था।

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भेड़ाघाट आने वाले पर्यटकों को था खतरा 

मगरमच्छ के रेस्क्यू के बाद अब भेड़ाघाट, पंचवटी और उसके आसपास आने वाले पर्यटकों का खतरा अब टल गया है। क्योंकि जिस जिस जगह पर यह मगरमच्छ रह रहा था,वहीं पर पर्यटक आकर नोखा वाहन का मजा लिया करते थे। इसके कारण कभी भी किसी के लिए बड़ा खतरा बन सकता था। लिहाजा वन विभाग की टीम पिछले कई दिनों से मगर को पकड़ने का प्रयास कर रही थी। शनिवार को खिरकार वन विभाग को कामयाबी हाथ मिल गई।

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वैश्विक पर्यटन स्थल है भेड़ाघाट 

आपको बता दें कि भेड़ाघाट इलाका विश्व स्तर पर पर्यटन के लिए जाना जाता है। लिहाजा यहां पर देश और दुनिया भर के लोग घूमने के लिए आते हैं। ऐसे में यह मगरमच्छ यहां पर दहशत का पर्याय बना हुआ था। यहां आने वाले पर्यटकों के बीच में मगरमच्छ को लेकर कई तरह का भ्रांतियां फैली हुई थी। लिहाजा अब मगरमच्छ के सफल ऑपरेशन के बाद यहां आने पर वाले पर्यटकों की भी चिंता खत्म हो गई है।