रायपुर. वन अधिकार पट्टे के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदिवासी को बेदखली करने के अपने ही आदेश पर रोक लगा दी है. मामले की अब अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी.
छत्तीसगढ़ प्रदेश आदिवासी कांग्रेस की राजीव भवन में गुरुवार को आयोजित बैठक में शामिल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासियों से जुड़े वन अधिकारी के संवेदनशील मसले पर जानकारी देते हुए सुप्रीम कोर्ट के अपने ही आदेश पर स्टे दिए जाने की जानकारी दी. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से विवेक तनखा ने और मध्यप्रदेश सरकार की ओर से कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा था. सुप्रीम कोर्ट ने पक्षों को सुनने के बाद अपने फैसले पर स्टे देते हुए आगामी सुनवाई के लिए 10 जुलाई की तारीख तय की.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने वन भूमि पर काबिज उन लोगों को बेदखल करने का आदेश जारी किया था, जिनके आवेदन राज्य सरकारों ने निरस्त कर दिए थे. ऐसे में उहापोह से जूझ रहे छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पत्र लिखकर आदिवासियों का पक्ष असरदार तरीके से रखने के लिए कहा था. इस पर छत्तीसगढ़ सरकार ने नामी वकील विवेक तनखा को सुप्रीम कोर्ट में अपनी ओर से पैरवी करने नियुक्त किया था.
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