रायपुर. फर्जी रायल्टी पर्ची के जरिए खनिज विभाग को चूना लगाने वाले छह आरोपियों को गुरुवार को सिविल लाइन पुलिस ने गिरफ्तार किया है. मामले में दो महीने तक चली स्पेशल इन्वेस्टीगेटिव यूनिट (एसआईयू) की जांच के बाद अब गिरफ्तारी की कार्रवाई की गई है.

मामले में जिला-रायपुर अप.क. 620/18, धारा-467, 468, 471, 120बी भादवि पर आरोपी अजय कुमार अग्रवाल पिता स्व. गोविन्द प्रसाद अग्रवाल, आशुतोष अग्रवाल पिता अशोक कुमार अग्रवाल, संदीप जैन पिता नेमीचंद जैन, सुरेश उर्फ बंटी होतवानी पिता अमर लाल होतवानी, रितेश मानिकपुरी पिता गोपालदास मानिकपुरी और राजेन्द्र कुमार गिलहरे पिता लखनलाल गिलहरे को गिरफ्तार किया गया है.

डोंगरगढ़ नपाप में प्रस्तुत किया फर्जी रॉयल्टी पर्ची

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, खनिज विभाग, रायपुर से रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र के लिए फर्जी रायल्टी पर्ची प्रस्तुत किए जाने पर आरोपी संतोष अग्रवाल के विरूद्ध थाना सिविल लाइन में लिखित शिकायत पत्र 2 सितंबर 2018 को दर्ज कराई गई थी. मामले की जांच करते हुए विशेष अपराध अनुसंधान सेल ने पाया कि प्रकरण में मेसर्स संतोष अग्रवाल के भागीदार आशुतोष अग्रवाल ने नपाप डोंगरगढ़, जिला राजनांदगांव के अनुबंध कमांक 466 दिनांक 02.09.2013 के तहत किए गए नाला निर्माण कार्य में उपयोग में लाई गई 205 नग रॉयल्टी पर्ची मात्रा 4232 टन, 3553 घन मीटर गिट्टी चुकता प्रमाण के लिए खनिज शाखा, राजनांदगांव में आवेदन प्रस्तुत किया गया.

जांच में 205 रॉयल्टी पर्ची फर्जी पाई गई

प्रस्तुत रॉयल्टी पर्चियों की जांच खनिज निरीक्षक एफएल नागेश ने की. जिसमें उपयोग में किए गए खनिज अभिवहन पास रायपुर जिले से संबंधित होने से सत्यापन के लिए रायपुर जिला भेजा गया. उप संचालक (खनिज प्रशा.) कार्यालय कलेक्टर खनिज शाखा रायपुर के पत्र क्रमांक ख.लि./तीन/6/2018/2025 दिनांक 09.08.2018 द्वारा जांच प्रतिवेदन खनिज शाखा, राजनांदगांव को प्राप्त हुआ. प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार कुल 205 नग चूना पत्थर रॉयल्टी पर्ची फर्जी पाया गया.

17 लाख रुपए का लगाया चूना

मामले की जांच में पेटी ठेकेदार अजय अग्रवाल, सुरेश उर्फ बंटी होतवानी, रितेश चौधरी, संदीप जैन और खनिज शाखा रायपुर के डिलीग क्लर्क राजेन्द्र गिलहरे की संलिप्तता सामने आई. जो आपस में मिलीभगत षड्यंत्रपूर्वक फर्जी रायल्टी पर्ची तैयार कर ठेकेदार मेसर्स संतोष अग्रवाल के भागीदार आशुतोष अग्रवाल के साथ मिलकर चुकाता प्रमाण पत्र के लिए 206 नग फर्जी रायल्टी पर्ची को खनिज शाखा राजनांदगांव में जमा करना पाया गया. इस तरह फर्जी रायल्टी पर्ची, रायल्टी चोरी व रायल्टी अपवंचन के जरिए शासन को लगभग 16,92,800 रूपए की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई.