नई दिल्ली . दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम को ग्रैप की पाबंदियां सख्ती से लागू कराने के लिए छह सदस्यीय विशेष कार्यबल का गठन किया गया है. यह हर दिन की कार्रवाई रिपोर्ट तैयार करेगा और विभागों में समन्वय स्थापित करेगा. इससे पहले निगरानी के लिए दिल्ली सरकार के मंत्री भी सड़कों पर उतरे थे. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, गुरुवार को औसत सूचकांक 419 अंक रहा. इसे गंभीर श्रेणी में रखा जाता है. बुधवार को यह 397 अंक पर था.

प्रदूषण की स्थिति देखते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को आला अधिकारियों के साथ बैठक की. राय ने बैठक के बाद बताया कि पर्यावरण विभाग के विशेष सचिव कार्यबल के प्रमुख होंगे. इसके अलावा यातायात पुलिस, परिवहन विभाग, राजस्व विभाग, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग आदि के अधिकारी इसके सदस्य होंगे.

हवा बेहद खराब श्रेणी में रहने के आसार राय ने बताया कि विशेषज्ञों के अनुसार, अगले दो-तीन दिन हवा बेहद खराब श्रेणी में रहने के आसार हैं, क्योंकि हवा की गति चार किलोमीटर प्रतिघंटे से कमजोर है. जब तक हवा की गति धीमी बनी रहेगी, प्रदूषण का स्तर बेहद खराब श्रेणी में ही रहने का अनुमान है. ऐसे में ग्रैप के तहत लागू पाबंदियों को जमीनी स्तर पर सख्ती से लागू कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि ग्रैप लागू होने के बाद प्रतिबंधित डीजल-पेट्रोल वाहनों के 16 हजार से ज्यादा चालान किए गए.

स्मॉग टावर प्रभावी नहीं इस बीच दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि स्मॉग टावर प्रदूषण कम करने में प्रभावी नहीं है. यह समस्या के समुचित समाधान के लिए व्यावहारिक उपाय नहीं है.

एनसीआर में फरीदाबाद सबसे अधिक प्रदूषित

एनसीआर के कई शहरों में भी गुरुवार को हवा गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई. इनमें फरीदाबाद सबसे प्रदूषित शहर रहा. यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 424 अंक रहा. वहीं, गुरुग्राम में यह 363 अंक जबकि गाजियाबाद में 376, नोएडा में 355 और ग्रेटर नोएडा में 340 अंक दर्ज किया गया.