जलबपुर. एक लेडी डॉक्टर ने गुंडागर्दी से परेशान होकर इस्तीफा दे दिया. जो कि सेठ गोविंददास जिला अस्पताल में पदस्थ थी. इस लेडी डॉक्टर का नाम डॉ. रचना शुक्ला है. रचना ने अपना इस्तीफा न सिर्फ फेसबुक पर शेयर किया है.बल्कि पूरी घटना का जिक्र भी किया.

डॉ. रचना शुक्ला पूर्व मुख्यमंत्री स्व.पं. श्यामचरण शुक्ल की बहू है.

जिन्होंने डायरेक्टर फैमली वेलफेयर और हेल्थ को भेजे त्यागपत्र में इस्तीफा देने की वजह अस्पताल में भाजपा नेता के समर्थकों द्वारा अपशब्द और इज्जत उतारने की धमकी देना और उन लोगो के खिलाफ कोई कार्रवाई न होना बताया है.

डॉक्टर रचना द्वारा पोस्ट किया गया पत्र

प्रति
डायरेक्टर, पब्लिक हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर, भोपाल

विषय- त्यागपत्र की स्वीकृति बाबत

महोदय,

मैं रचना शुक्ल जबलपुर के डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में बतौर मेडिकल आॅफिसर तैनात हूं। कृपया मेरा इस्तीफा स्वीकार करें। मेरे साथ डॉक्टर प्रोटेक्शन (एक्ट 3) का पूर्णत: उल्लंघन हुआ है।

महोदय, मेरे साथ स्थानीय भाजपा नेता के समर्थकों द्वारा गाली गलौच और बदतमीज की गई है (…. यहां रचना शुक्ल ने हिन्दी में भी इसका उल्लेख किया है, लेकिन गुंडों ने जिस भाषा का उपयोग किया है, उसे लिखना संभव नहीं है) मेरे कार्यस्थल अस्पताल और ओमती पुलिस स्टेशन में भी मुझे भाजपा के 10 लोकल गुंडों ने दोबारा धमकाया। उन्होंने खुले आम कहा कि मैडम दस गुंडे आकर आपकी इज्जत उतार देंगे। यह सब सुनने और झेलने के बाद भी मुझे न्याय की कोई उम्मीद भी नहीं दिखती। मैं कांग्रेस से जुड़े एक इज्जतदार परिवार से संबंध रखती हूं और इस घटना से मेरा परिवार आहत है। एक पूर्व सीएम के परिवार से संबंध रखने के बाद भी इस मामले में तीन माह तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। कृपया मेरा इस्तीफा स्वीकार करें। मैं घटना के संबंध में सभी साक्ष्य भी प्रस्तुत कर रही हूं।

धन्यवाद
दिनांक 7/5/18
भवदीय
डॉक्टर रचना शुक्ल

यह है मामला
एक बच्चे को लेकर परिजन फरवरी माह में रात को केजुअल्टी में पहुंचे थे. प्राथमिक उपचार के बच्चे की हालत को देखते हुए डॉ. रचना शुक्ल ने परिजनों को उसे भर्ती कराने की सलाह दी. भर्ती की बात सुन परिजन भड़क गए और विवाद कर थाने जा पहुंचे. दूसरी ओर परिजनों के साथ आए कुछ युवकों ने खुद को भाजपा नेता का सर्मथक बताते हुए डॉ. रचना को अपशब्द कहने लगे. उन लोगों ने असभ्य भाषा का प्रयोग करते हुए डॉ. को इज्जत उतारने की धमकी दी. घटना के तीन माह बाद भी सुनवाई नहीं होने पर डॉ. रचना ने सोमवार को सोशल मीडिया पर मामले को उजागर किया और अपना त्याग पत्र पोस्ट कर दिया। इस दौरान वे पुलिस से लेकर अधिकारियों तक से मिली, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।