शब्बीर अहमद,भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. कमलनाथ ने किसानों के हित में किसान क्रेडिट कार्ड के नवीनीकरण और ऋण अदायगी की तिथि को आगे बढ़ाने की मांग की है. कमलनाथ ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रदेश के सहकारी बैंको के माध्यम से किसानों को अल्पकालीन कृषि ऋण प्रदान किये जाते है. ऋण की समय पर अदायगी कर देने पर किसानों को कोई ब्याज देय नहीं होता.
इसी के अनुक्रम में इस वर्ष सहकारी समितियों के माध्यम से किसान क्रेडिट कार्डो के नवीनीकरण किये जाने के लिये दिनांक 28 मार्च 2022 को अंतिम तिथि के रूप में नियत किया गया है. अंतिम तिथि के उपरांत किसान क्रेडिट कार्ड के नवीनीकरण कराये जाने पर लंबित ऋण राशि पर ब्याज देय हो जाएगा. जिससे किसान भाईयों पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा.
प्रदेश के अनेक जिलों में विगत मानसून के दौरान अतिवृष्टि एवं बाढ़ के कारण खरीफ की फसलों को अत्यधिक नुकसान हुआ एवं किसान भाई आर्थिक संकट में रहा. इसके बाद प्रदेश के अनेक जिलों में ओलावृष्टि और असमय की वर्षा से भी फसलों को नुकसान हुआ है. वर्तमान में रबी की फसल गेहूं को पककर तैयार होने और उसके विक्रय होकर किसान भाई को राशि मिलने में 2 माह तक का समय लग सकता है. उसके बाद ही किसान भाई कृषि ऋण की अदायगी कर सकेगा. इसलिए किसान भाईयों के हित में उचित होगा कि उनके कृषि ऋण को जमा करने और किसान क्रेडिट कार्ड के नवीनीकरण किये जाने की तिथि को बढ़ाया जाए.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अनुरोध किया है कि जिला सहकारी समितियों के माध्यम से किसान क्रेडिट कार्डो के नवीनीकरण और ऋण अदायगी की तिथि को गत वर्ष अनसार बनाये जाने का निर्णय लेने का कष्ट करें. ताकि किसान भाईयों पर ब्याज का अतिरिक्त बोझ न पड़े. वे व्यतिक्रमी हुए बिना अपने ऋण की अदायगी कर सकें.
घोषणाओं को लेकर कमलनाथ ने शिवराज पर साधा निशाना
इधर पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर शिवराज सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने लिखा है कि अपनी झूठी घोषणाओं के लिए मशहूर शिवराज अब आगामी चुनावों को देखते हुए एक बार फिर नई झूठी घोषणाओं में लग गए हैं. जबकि उनकी पूर्व की घोषणाओं का हश्र सबको पता है. शिवराज जी ने तो अपनी घोषणा से “सिंगल क्लिक” का मतलब भी बदल दिया है ?
उन्होंने 12 फरवरी को दावा किया था कि प्रदेश के उन 49 लाख 85 हज़ार किसानों के खाते में फसल बीमा की 7618 करोड़ की राशि उन्होंने सिंगल क्लिक के माध्यम से उनके बैंक खातो में जमा कराई है. यह कैसा सिंगल क्लिक जो एक माह से अधिक बीत जाने के बाद भी अभी तक लाखों किसानों के खाते में राशि ही नहीं पहुंची…?
जिन किसानों के खाते में पहुँची भी है, वह भी निकासी पर रोक के कारण व ऋण में समायोजित के कारण निकाल नहीं पा रहे है और लाखों किसान तो अभी उस सिंगल क्लिक का इंतज़ार ही कर रहे हैं. अब जब 2 वर्ष बाद मिले फसल बीमा की यह स्थिति है तो खराब फसलों के मुआवजे की स्थिति को ख़ुद समझा जा सकता है..? बेहतर हो शिवराज जी पहले अपनी पुरानी अधूरी घोषणाओं को पूरा करें, फिर प्रदेश की जनता को गुमराह करने के लिए नई घोषणाएँ करें.
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