राकेश चतुर्वेदी,भोपाल। राज्यपाल के अभिभाषण पर ट्वीट कर विधानसभा का बहिष्कार करने वाले कांग्रेस के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी को नोटिस जारी हुआ है. अब इस जीतू पटवारी का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि शेर को बिल्ली की आंखों से डराने की कोशिश है. शेर डरेगा नहीं. खुद को शेर बताने पर जीतू पटवारी को विधानसभा अध्यक्ष ने नसीहत दी है. विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि जीतू पटवारी विधायक हैं विधायक ही रहें. शेर होते तो पिंजरे में बंद कर देते.

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नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने जीतू पटवारी के नोटिस के सवाल पर कुछ भी नहीं कहा. हालांकि उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने पर कहा कि सत्र की अवधि 31 मार्च तक बढ़ाने के लिए मैंने लिखित में चिट्ठी लिखी थी. फिर भी कार्यवाही आनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दी गई. कैबिनेट मंत्री इंदरसिंह परमार ने कहा कि कमलनाथ और गोविंदसिंह से चर्चा के बाद सत्र समाप्त किया गया है. कमलनाथ ने सत्र समाप्ति पर सहमति दी थी.

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दरअसल कांग्रेस के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी को विधानसभा की आचरण समिति ने नोटिस जारी किया है. डॉ. गोविंद सिंह ने नोटिस का नियम और कारण पूछा, तो अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि नियमों के तहत की कार्रवाई की गई है. इसके साथ ही जीतू पटवारी से समर्थन में सदन में कांग्रेस उतर गई है.

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कांग्रेस ने नोटिस के खिलाफ सदन से वॉकआउट कर दिया. जीतू पटवारी के नोटिस को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष ने सदन में नारेबाजी की. जबकि कांग्रेस ने और कमलनाथ ने जीतू पटवारी का उस समय समर्थन नहीं किया था. अब नोटिस जारी होने के बाद उसके साथ खड़ी हो गई.

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