रायपुर। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में छात्रों पर हमला करने वालों की पहचान दिल्ली पुलिस ने कर ली है. जिसमें 9 छात्रों की पहचान की गई है. इसे लेकर छत्तीसगढ़ की पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि पुलिस के खुलासे के बाद यह साफ हो गया है कि जेएनयू हिंसा में लेफ्ट से जुड़े छात्रों का हाथ था. ये लोग राष्ट्रीय राजनीति में लोगों को बदनाम करने की कोशिश करते हैं. ये पूरी साजिश लेफ्ट की थी. जो बेनकाब हो गए हैं.

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर लगातार राष्ट्रीय स्तर में चर्चा में रहा है, कि नाकाबपोश कौन थे ? जिन्होंने हिंसा की. अलग-अलग आरोप प्रत्यारोप लगाए गए. लेकिन आज सच्चाई देश के सामने आ गया है. वही सच्चाई जिसको लोग जानते थे, कि जेएनयू में हिंसा हो रहा है, तो निश्चित रूप से लेफ्ट के ऑर्गनाइजेशन से जुड़े छात्र संगठन के छात्र की ही जवाबदारी होगी.

उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने सभी तथ्यों को साफ किया. जिससे दूध का दूध पानी का पानी हो गया है. 7 लेफ्ट समर्थक युवकों के चेहरे बेनकाब हुए हैं. देश ने देखा कि किस प्रकार ये षडयंत्र कर उस विश्वविद्यालय में न केवल राष्ट्रीय राजनीति में लोगों को बदनाम करने की कोशिश की हैं. ये पूरी साजिश लेफ्ट की है. लेफ्ट के समर्थक जो छात्र संघ को लोग है उनका लगातार हिंसा फैलाने में योगदान है, तो निश्चित रूप से इस पूरे विषय को लेकर अब सारे तथ्य सामने आ चुके हैं. इसके लिए दिल्ली पुलिस ने जो जानकारी दिए है, वो पर्याप्त हैं.

इसे भी पढ़ें- JNU हिंसा मामले में आज तक का स्टिंग ऑपरेशन, नाकाबपोशों ने बताई घटना से जुड़ी पूरी बात 

बता दें कि जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में 5 जनवरी की रात नकाबपोश हमलावरों ने जेएनयू में हमला किया था. मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को 9 लोगों की तस्वीर जारी की है. जिसमें चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, योगेंद्र भारद्वाज, प्रिया रंजन, विकास पटेल, डोलन, सुचेता तालुकदार, वसकर विजय और जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष का नाम शामिल हैं.