प्रदेश में गन्ने की खरीद के नए मूल्य की घोषणा अब तक नहीं हुई है. जिसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि गन्ने के खरीद मूल्य की घोषणा में लगातार विलंब हो रहा है. गन्ना चूसना तो अच्छा है, मगर किसान को चूसना अच्छा नहीं है. किसानों की मेहनत को निरंतर चूसा जा रहा है.
रावत ने आगे कहा कि पिछले वर्ष भी गन्ने का खरीद मूल्य घोषित नहीं हुआ था और इस वर्ष भी किसानों को पुराना ही मूल्य अदा किया जा रहा है. नए खरीद मूल्य की किसान आज भी प्रतीक्षा कर रहे हैं. गन्ने का उचित मूल्य 450 रुपये घोषित होना चाहिए. कल इस विलंब के प्रति अपने भावनात्मक आक्रोश को व्यक्त करने के लिए मैं दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक अपने आवास पर “मौन उपवास” रखूंगा.
इसे भी पढ़ें : पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व मंत्री दिवाकर भट्ट, बेटे ललित ने दी मुखाग्नि, बंद रहे शासकीय कार्यालय
बता दें कि उत्तराखंड में गन्ने का समर्थन मूल्य तय ना होने पर भी गन्ना किसान मजबूरी में गन्ने की फसल बेचने पर मजबूर हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी के गन्ना किसानों को 30 रुपये प्रति कुंतल दाम बढ़ाकर 400 रुपये प्रति कुंतल का मूल्य घोषित करके गन्ना किसानों को राहत दी है. किसानों का कहना है कि गन्ने की तुलाई के बाद पर्ची पर गन्ने का भाव अंकित नहीं किया जा रहा. उत्तराखंड के गन्ना किसान जल्द ही गन्ने के भाव में बढ़ोत्तरी की मांग कर रहे हैं.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें

