कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री भगवान सिंह यादव को भ्रष्टाचार के मामले में 3 साल की सजा से दंडित किया है। उन पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। ग्वालियर जिला न्यायालय के एमपी एमएलए की विशेष अदालत ने पूर्व मंत्री भगवान सिंह सहित कुल 6 आरोपियों को दोषी माना और सजा के साथ ही विभिन्न धाराओं में जुर्माना भी लगाया है। मामले में दो आरोपियों को बरी कर दिया गया है। मामला करीब 24 चौबीस साल पुराना है।

बैंक के ही एक कर्मचारी सतीश शर्मा ने आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो में शिकायत की थी कि महिला बहुउद्देशीय सहकारी संस्था मर्यादित गढ़रौली को बिना कोटेशन बुलाए स्टेशनरी सप्लाई का ऑर्डर दे दिया गया है। यह स्टेशनरी करीब साढे़ 4 लाख रुपए की थी। इसकी शिकायत 2004 में की गई थी। लंबी जांच पड़ताल के बाद 2009 में ईओडब्लू ने पूर्व मंत्री भगवान सिंह सहित नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि 27 अक्टूबर 1998 को बैंक की स्टेशनरी खरीदने का काम बहुउद्धेश्यीय सहकारी संस्था मर्यादित गढ़रौली को दिया गया था।

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तत्कालीन बैंक कर्मचारी सतीश शर्मा ने ईओडब्ल्यू में शिकायत की थी कि संस्था को फर्जी तरीके से स्टेशनरी सप्लाई करने की अनुमति प्रदान की गई है। इसके लिए बैंक ने निविदा आमंत्रित नहीं की। बैंक के ही तत्कालीन कर्मचारी ईशान अवस्थी के खाते में यह रकम ट्रांसफर की गई थी। संस्था के पंजीयन और वर्क आर्डर भी लगभग एक ही दिनांक को कर दिया गया था। खास बात यह भी है कि यह संस्था स्टेशनरी सप्लाई के लिए अधिकृत नहीं थी। कोर्ट ने पाया की पूर्व मंत्री भगवान सिंह सहित अन्य लोगों ने अपने पदों का दुरुपयोग करते हुए घोटाले को अंजाम दिया है।

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इस घोटाले में आरोपी बनाए गए मुकेश माथुर और रजनी मुले को सबूत के अभाव में बरी कर दिया गया है। जबकि जिला सहकारी बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष भगवान सिंह यादव तत्कालीन जिला प्रबंधक डीके जैन को 3 साल की सजा और 30,000 के जुर्माने से दंडित किया गया है। वहीं तत्कालीन स्टोर कीपर ईशान चंद्र अवस्थी, गजेंद्र श्रीवास्तव महिला बहुउद्देशीय सहकारी संस्था की अध्यक्ष शीला गुर्जर तथा संजीव शुक्ला को 4 साल की से दंडित किया गया है और उन पर 90000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। पूर्व मंत्री भगवान सिंह यादव और डीके जैन को हाई कोर्ट से जमानत कंफर्म कराने के लिए फौरी तौर पर राहत दी गई है। जबकि चार आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।

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