गोवा. गोवा से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है. दरअसल, तहलका मैगजीन के पूर्व प्रधान संपादक तरुण तेजपाल को बरी कर दिया गया है. उनके खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न मामले में सभी आरोपों से गोवा की अदालत ने उन्हें बरी कर दिया है. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने 21 मई शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया है. ‘तहलका’ के पूर्व प्रधान संपादक पर 2013 में गोवा के एक लक्जरी होटल की लिफ्ट के भीतर महिला साथी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा था. हालांकि उन्होंने शुरू से ही खुद को निर्दोश बताया था.
तहलका मैगजीन के पूर्व प्रधान संपादक के खिलाफ उनकी महिला सहकर्मी ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. महिला के आरोपों के अनुसार, गोवा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पांच स्टार होटल की लिफ्ट में तेजपाल ने उनका उत्पीड़न किया था. इसके बाद 30 नवंबर 2013 को तेजपाल को गिरफ्तार कर लिया गया था. उन्हें बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था.
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टली फैसले की तिथि
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय की न्यायाधीश क्षमा जोशी ने आठ मार्च को तेजपाल मामले में अंतिम दलीलें सुनी. इम मामले में अतिरिक्त जिला न्यायालय 19 मई को फैसला सुनाने वाली थीं, लेकिन न्यायाधीश क्षमा जोशी ने फैसला आज 21 मई के दिन सुनाने के लिए कहा था. अदालत ने इससे पहले भी कई बार फैसले की तिथि को टाल दिया था. कोर्ट ने पूर्व में कहा था कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते स्टाफ की कमी के कारण स्थगन किया गया था.
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चला मुकदमा
पुलिस ने नवंबर 2013 में तेजपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. तेजपाल मई 2014 से जमानत पर बाहर हैं. गोवा अपराध शाखा ने तेजपाल के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया था. उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 342 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत मंशा से कैद करना), 354 (गरिमा भंग करने की मंशा से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना), 354-ए (यौन उत्पीड़न), 376 (2) (महिला पर अधिकार की स्थिति रखने वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) और 376 (2) (के) (नियंत्रण कर सकने की स्थिति वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) के तहत मुकदमा चला. वहीं, तेजपाल ने इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख कर अपने ऊपर आरोप तय किए जाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी.
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