रायपुर। पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में केन्द्र की महत्वाकांक्षी योजना ‘जल-जीवन मिशन के तहत 13 हजार करोड़ की वृहद राशि मंजूर की गई है, ताकि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित लक्ष्य के अनुरूप हर घर में शुद्ध पेयजल सुलभ करायी जा सके. पेयजल की समस्या का स्थायी समाधान के लिए यह सर्वस्पर्शी योजना है, लेकिन खेद का विषय है कि इस महत्वपूर्ण योजना एवं दूरगामी प्रभाव डालने वाले इस अभियान को राज्य सरकार ने उलझा दिया है और अपने निहित स्वार्थ के लिए राशि का दुरूपयोग करने में जुट गई है, जिसका प्रभाव 26 अक्टूबर को राज्यमंत्री परिषद के निर्णय से हो चुका है. इस प्रकार जन-जीवन से जुड़े व्यापक योजना की राशि का बंदरबांट की मंशा अब उजागर हो रहा है. इस स्थिति में केन्द्र का हस्तक्षेप आवश्यक हो गया है ताकि जनहित में जल जीवन मिशन का उद्देश्य की पूर्ति संभव हो सके.

वर्तमान परिवेश में केन्द्र सरकार से नीतिगत सुझाव है कि जल-जीवन मिशन की आबंटित राशि को ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों को अंतरित कर दी जाए, क्योंकि सभी प्रकार जलप्रदाय एवं पेयजल आपूर्ति की जिम्मेदारी अंततः स्थानीय संस्थाओं को दी जाती है. यह भी उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय वित आयोग के अनुशंसात्मक प्रावधानों में शामिल किया गया है.

इसलिए तत्काल प्रभाव से 13 हजार करोड़ की राशि में से 70 फीसदी राशि स्थानीय पंचायतीराज व स्थानीय संस्थाओं को अंतरित करने उचित निर्णय लेने का कष्ट करेंगे.