शिवम मिश्रा, रायपुर. छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा महामंत्री और राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर कांग्रेस की टीका टिप्पणी के संदर्भ में शनिवार को भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का विकास हो रहा है, राष्ट्रहित की नीतियों को लागू करने के कारण भाजपा को मिल रहे अपार जनसमर्थन से कांग्रेस का विनाश हो रहा है. वह सिमटकर तीन राज्यों में ही सत्ता में रह गई है. देश के विकास और अपने विनाश से कांग्रेस बौखला गई है. उसके भविष्य की कोई गारंटी नहीं है कि वह बचेगी या गांधी जी की इच्छा को जनता पूरी कर देगी. इसलिए कांग्रेस के नेताओं की मति भ्रष्ट हो गई है. कांग्रेस आचरण से तो भ्रष्ट हमेशा से रही है अब मानसिकता से भी पथभ्रष्ट हो गई है.

केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस चाहती ही नहीं कि आदिवासी समाज का कोई व्यक्ति देश के सर्वोच्च पद पर आसीन रहे, इसलिए कांग्रेस के नेता बार-बार राष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद पर टिप्पणी करने से बाज नहीं आते. आदिवासियों से नफरत के चलते कांग्रेस के सांसद खुद को राष्ट्रपति पर भी टिप्पणी करने से रोक नहीं पाए. यही कारण है कि इतिहास में पहली बार बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर आधारहीन टिप्पणी करके राष्ट्रपति को अपमानित करने की धृष्टता कांग्रेस ने की. उनके अभिभाषण को राजनीति से प्रेरित बताया.

पूर्व मंत्री ने कहा जब राष्ट्रपति प्रत्याशी के रूप में द्रौपदी मुर्मू समर्थन मांगने छत्तीसगढ़ आईं तो किसी भी कांग्रेसी नेता ने उनसे मिलने की जरूरत भी महसूस नहीं की. आदिवासी समाज की बेटी राष्ट्रपति ना बने इसके लिए कांग्रेस ने ऐसे व्यक्ति का समर्थन किया जो खुद उनकी पार्टी का नेता नहीं था और एक आदिवासी की बेटी राष्ट्रपति ना बन पाए इसके लिए पूरी ताकत लगाई. जब द्रौपदी मुर्मू ऐतिहासिक बहुमत से विजयी होकर राष्ट्रपति निर्वाचित हो गईं तब लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी की अधीरता इतनी निम्नता पर उतर गई कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर विवादित बयान दे दिया. केदार कश्यप ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में एक आदिवासी समाज की बेटी महामहिम राज्यपाल महोदया पर लगातार अनर्गल टिप्पणी करके उनको नीचा दिखाने का काम कांग्रेसियों द्वारा लगातार किया जा रहा है. केन्द्र की मोदी सरकार ने आदिवासी समाज के बजट को ऐतिहासिक रूप से बढ़ाया इससे कांग्रेस के पेट में दर्द हो रहा है.

केदार कश्यप ने कहा केन्द्र की मोदी सरकार ने आदिवासी समाज के उत्थान के लिए मिनिस्ट्री ऑफ ट्राइबल अफेयर्स के बजट को पिछले वर्ष की तुलना में 70 प्रतिशत बढ़ा दिया. वहीं कांग्रेस की सरकार में वर्ष 2013-14 से तुलना करें तो आदिवासी वर्ग के लिए बजट को 190 फीसदी बढ़ाया गया. जबकि कांग्रेस सरकार इसे प्रतिवर्ष 5 फीसदी भी नहीं बढ़ाती थी. केन्द्र की मोदी सरकार ने मात्रात्मक त्रुटि को सुधारकर लाखों जनजाति समुदाय के लोगों को इसका अधिकार दिया. कांग्रेस ने हमेशा आदिवासियों को नचाने का काम किया और आज भारतीय जनता पार्टी ने आदिवासियों को देश का सर्वोच्च पर दिलाया है. मिनिस्ट्री ऑफ ट्राईबल अफेयर्स का बजट वर्ष 2013-14 में मात्र 4,295 करोड़ रुपये था जो कि अब वर्ष 2023-24 में लगभग 12,462 करोड़ रुपये कर दिया गया है. जनजाति समुदाय के लिए बजट बढ़ाने के साथ-साथ केन्द्र की मोदी सरकार ने कई नई योजनाएं एवं मिशन की घोषणा की है. पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान से बड़ी संख्या में आदिवासी समाज लाभान्वित होने जा रहा है.

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री पीवीजीटी डेव्लपमेंट मिशन आदिवासी समाज के लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में सहायक होगा. महिलाओं में विशेष कर जनजाति समाज में होने वाली बीमारी एनिमिया जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार की बदनीयति के कारण छत्तीसगढ़ प्रथम स्थान पर है और प्रदेश की ज्यादातर महिलाएं इस बीमारी से जूझ रही हैं. पीएम मोदी ने इस बजट में 2047 तक इस बीमारी को खत्म करने का संकल्प लेकर एक अलग मिशन की घोषणा की है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस राज में केवल 3 वर्षों में 25 हजार बच्चों की मौत हुई, जिसमें अधिकतर बच्चे आदिवासी थे. जनजातीय समुदाय का शैक्षणिक विकास करने एकलव्य विद्यालयों में 38,800 शिक्षकों की भर्ती से कांग्रेस को पीड़ा क्यों है? कांग्रेस क्यों नहीं चाहती कि आदिवासी संतानें शिक्षित हों, आदिवासी समाज प्रगति करे? आदिवासी विकास की योजनाओं से कांग्रेस को आपत्ति क्यों है?

केदार कश्यप ने सवाल उठाते हुए कहा कि मिलेट्स पर विशेष प्रावधान से आदिवासी क्षेत्रों को लाभ मिलेगा, इसमें कांग्रेस को क्या तकलीफ है? प्रधानमंत्री विकास योजना में आदिवासी समाज की तरक्की से कांग्रेस को ऐतराज क्यों है? कांग्रेस सरकार के छत्तीसगढ़ के आदिवासी नेता आदिवासियों के अपमान पर चुप क्यों है और वे बताएं कि आदिवासियों के विकास के लिए बजट को 190 फीसदी बढ़ाने पर क्या उन्हें आपत्ति है? आदिवासियों के विकास के लिए बड़ी-बड़ी योजनाएं बनाने से क्या उनके पेट में दर्द है? क्यां कांग्रेस के आदिवासी नेता भी अपने मुखिया की तरह इस बात से सहमत है कि देश की राष्ट्रपति आदिवासी नहीं होनी चाहिए? क्या छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी आदिवासी नेता कांग्रेस नेताओं द्वारा किए जा रहे राष्ट्रपति के अपमान पर सहमत है? अगर नहीं तो आदिवासी विरोधी अपनी कांग्रेस पार्टी को यह समझाये कि भारत में आदिवासियों को अपमानित करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. साथ ही भाजपा की सरकार रहते आदिवासियों के विकास को कोई नहीं रोक सकता.