रायपुर। छत्तीसगढ़ में सड़कों की दुर्दशा को लेकर पूर्व मंत्री और भाजपा प्रवक्ता और राजेश मूणत ने चिंता व्यक्त करते हुए गंभीर सवाल उठाए हैं. मूणत का कहना है कि राज्य सरकार सड़कों को लेकर गंभीर नहीं है. मरम्मत के आभाव में छत्तीसगढ़ में सड़कों की स्थिति बेहद ही खराब है.

मूणत ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये काफी चिंता का विषय है कि अभी तक राज्य सरकार ने प्रदेश में खराब सड़कों के संबंध में सर्वे के माध्यम से संभागवार जानकारी इकट्ठा नहीं की है और ना ही सड़को की मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग से राशि का आवंटन किया गया है. उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी डिवीजन में राशि का आवंटन किया गया है, तो उसकी जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए.

लोन लेगी सरकार- मूणत

पूर्व मंत्री का कहना है कि दुख की बात है कि सड़कों की मरम्मत के लिए अब छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम के जरिए ऋण लेने जा रही है. छत्तीसगढ़ शायद देश का ऐसा पहला राज्य होगा जहां सड़कों की मरम्मत के लिए राज्य सरकार को लोन लेना पड़ रहा है. उन्होंने सवाल उठाया कि छत्तीसगढ़ की सड़कों के गड्ढों को भरने का टेंडर छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम करेगा, तो प्रदेश का लोक निर्माण विभाग क्या करेगा?

सड़क विकास निगम की एंट्री

दरअसल सड़क विकास निगम का गठन साल 2014 में किया गया था. प्रदेश में सड़कों के निर्माण से लेकर देखरेख का पूरा काम इसके माध्यम से ही करवाया जा रहा था. मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष और विभागीय मंत्री को उपाध्यक्ष बनाया गया था. तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने छत्तीसगढ़ में सड़कों का जाल बिछाने के लिए इस मंडल का गठन किया था. इस पर मूणत ने कहा कि 2018 में सरकार बदलने के बाद खबरें आई थीं कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य सड़क विकास निगम को बंद करने की तैयारी में है.

नहीं कर पा रहे रखरखाव- मूणत

मूणत ने सवाल पूछा कि 4 साल बीत जाने के बाद भी छत्तीसगढ़ में सड़कों का निर्माण तो दूर पहले से बनी सड़कों का भी रखरखाव ना कर पाने वाली राज्य सरकार को अचानक सड़क विकास निगम की सार्थकता कैसे नजर आने लगी ? उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल सरकार के पास स्पष्ट नीति और नियत की कमी है.

ठीक से बनाए होते तो मरम्मत की जरुरत ही क्यों पड़ती

पूर्व मंत्री के बयानों को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर अपने कार्यकाल में ठीक से सड़के बनाए होते, तो आज यह नौबत नहीं आती. अगर वो सड़के ठीक से बनाए होते तो मरम्मत की जरूरत ही क्यों पड़ती. एक्सप्रेस वे बनाया उद्घाटन भी हुआ, लेकिन उस पर कोई चल नहीं पाया.

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