रायपुर। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ऐसी शख्सियत के धनी हैं, जिनसे उनके विरोधी भी प्रभावित हो जाते थे. कभी उनकी कलम से ये शब्द निकले थे- ‘हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा, काल के कपाल पर लिखता और मिटाता हूं, गीत नया गाता हूं’, वाकई इन पंक्तियों को उन्होंने अपने जीवन में भी उतारा. उनका दृढ़ निश्चय कमाल का था. वे किसी भी हालत में हार नहीं मानने वालों में से थे. हालांकि अभी वे बीमार हैं और 93 साल की उम्र में सार्वजनिक जीवन से कट गए हैं.
अटल बिहारी वाजपेयी करिश्माई व्यक्तित्व के धनी हैं. वे एक कुशल राजनेता, प्रशासन, ओजस्वी कवि, पत्रकार, लेखक संवेदनशील व्यक्ति हैं. उन्हें 2015 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया. वे तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे. उनके व्यक्तित्व और विचारधारा के कायल विरोधी भी थे.
पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष ने घर जाकर दी शुभकामनाएं
अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उनके घर जाकर उन्हें शुभकामनाएं दीं. वहीं राजनाथ सिंह, विजय गोयल भी उनके घर पहुंचे. ट्विटर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें शुभकामनाएं दीं. अटल बिहारी वाजपेयी आज 93 साल के हो गए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया- ‘प्यारे अटल जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं. उनके नेतृत्व में देश ने विकास किया है और पूरी दुनिया में हमारा सम्मान बढ़ा है’
वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया ‘हमारे अत्यंत लोकप्रिय और सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं’. वहीं राष्ट्रपति ने पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती पर भी उनको श्रद्धांजलि दी.
पिछले कई सालों से बीमार हैं वाजपेयी
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लंबे समय से किसी सार्वजनिक आयोजन में नहीं देखा गया है. पिछले कई सालों से वे बीमार हैं. अटल बिहारी वाजपेयी लुटियन जोन स्थित 6 ए कृष्ण मेनन मार्ग पर बने बंगले में रहते हैं. फिलहाल बीमारी और उम्र के कारण वे लिक्विड डाइट पर हैं.
उनके साथ चौबीसों घंटे 2 एसपीजी के कमांडो और डॉक्टरों की टीम रहती है. उनके सबसे करीबी सहायक शिव कुमार के मुताबिक, वे अपने करीबियों को पहचान लेते हैं. उन्होंने बताया कि कुशल वक्ता वाजपेयी अरसे से कुछ नहीं बोले हैं.
वाजपेयी का रूम पूरी तरह से सेनेटाइज्ड है. एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया रोज उनके घर आकर उनका हाल-चाल लेते हैं.
आजीवन अविवाहित रहे वाजपेयी
राजनीतिक सेवा का व्रत लेने के कारण उन्होंने कभी शादी नहीं की. उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लिए अविवाहित रहने का निर्णय लिया था.