नई दिल्ली। आज पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का 84वां जन्मदिन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर उन्हें शुभकामनाएं दीं. उन्हें देशभर से जन्मदिन की शुभकामनाएं मिल रही हैं.
डॉ मनमोहन सिंह के बारे में 10 खास बातें
- पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को हुआ था. वे भारत के 13वें और 14वें प्रधानमंत्री थे. प्रधानमंत्री बनने से पहले उनकी पहचान एक अर्थशास्त्री के रूप में थी. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद वे दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री थे, जो सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे. मनमोहन सिंह लगातार 10 साल तक प्रधानमंत्री रहे थे. वे 2004 से मई 2014 तक प्रधानमंत्री के पद पर रहे.
2. डॉ मनमोहन सिंह एक जाने-माने अर्थशास्त्री हैं. 21 जून 1991 से 16 मई 1996 तक वे पीवी नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्रित्व काल में वित्त मंत्री रहे. इस दौरान उन्होंने कई आर्थिक सुधार भी किए. उस वक्त देश का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 8.5 फीसदी के करीब था, लेकिन मनमोहन सिंह ने सालभर में उसे 5.9 पर्सेंट पर ला दिया. ग्लोबलाइजेशन का श्रेय भी मनमोहन सिंह को जाता है. वहीं उन्होंने इस दौर में आर्थिक उदारीकरण को बढ़ावा दिया. आयात और निर्यात के नियम सरल किए, ताकि देश वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े. उन्होंने निवेश को भी बढ़ावा दिया.
3. एक वक्त था जब देश बेरोजगारी की समस्या से ग्रस्त था. ऐसे वक्त में मनमोहन सिंह ने रोजगार गारंटी योजना के तहत साल में 100 दिन का रोजगार देने की योजना को लागू किया. जिसमें 100 रुपए रोजाना मजदूरी दी जाती थी. इसका पूरा नाम राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) था, जिसका नाम बदलकर 2009 में मनरेगा किया गया. मनरेगा का अर्थ है- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम. 2006 में 200 जिलों में शुरू हुई इस योजना को 2008 तक देश के सभी 593 जिलों में लागू कर दिया गया.
4. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में ही राइट टु एजुकेशन लागू किया गया. इसके तहत 6 से 14 साल के बच्चे को शिक्षा देना सरकार के लिए अनिवार्य हो गया.
5. मनमोहन सिंह के ही कार्यकाल में राइट टू इन्फॉर्मेशन यानि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 भी आया. हालांकि इस कानून को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने से पहले नौ राज्यों ने पहले से लागू कर रखा था. इस कानून को तमिलनाडु और गोवा ने 1997, कर्नाटक ने 2000, दिल्ली 2001, असम, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र ने 2002 और जम्मू-कश्मीर ने 2004 में लागू किया था. सूचना का अधिकार अपने नागरिकों को अपनी कार्य और शासन प्रणाली को सार्वजनिक करता है.
6. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आधार कार्ड योजना की तारीफ संयुक्त राष्ट्र तक ने की थी. यहां तक कि वर्तमान की नरेंद्र मोदी सरकार ने भी इसे अधिकतर जगहों पर अनिवार्य कर दिया है. आधार संख्या में हर व्यक्ति का यूनिक नंबर होता है. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण 2009 में मनमोहन सिंह के समय ही गठित हुआ था.
7. वहीं भारत और अमेरिका के बीच हुई न्यूक्लियर डील को भला कौन भूल सकता है. अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के कार्यकाल में 2005 में ये डील फाइनल हुई थी. जिसके बाद भारत न्यूक्लियर हथियारों के मामले में शक्तिशाली देश के रूप में उभरा.
8. डॉ मनमोहन सिंह 1985 में राजीव गांधी सरकार में भारतीय योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे. 1990 में प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार, पीवी नरसिंह राव के प्रधानमंत्रित्व काल में वित्त मंत्री रहे. वे वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष भी रहे.
9. डॉ मनमोहन सिंह ने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. वे 1991 से राज्यसभा के सांसद रहे और 1998 और 2004 की संसद में विपक्ष के नेता भी रहे.
10. डॉ मनमोहन सिंह को कई सम्मान भी मिले. उन्हें 1987 में पद्म विभूषण, 2002 में सर्वश्रेष्ठ सांसद, 1995 में इंडियन साइंस कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार, 1993 और 1994 का यूरो मनी अवॉर्ड फॉर फाइनेंस मिनिस्टर ऑफ द ईयर, 1956 में कैंब्रिज विश्वविद्यालय का एडम स्मिथ पुरस्कार मिला.