चंडीगढ़। पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से इस्तीफा देने के बाद नए सीएम के लिए कई नाम चर्चा में थे, जिनमें अंबिका सोनी, पूर्व पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़, सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम प्रमुख था. अंबिका सोनी पहली पसंद थीं, लेकिन उन्होंने खुद ये पद लेने से मना कर दिया था, जिसके बाद सबसे ज्यादा नाम सुनील जाखड़ का जोरों पर था, लेकिन बाजी चरणजीत सिंह चन्नी मार ले गए थे. सिद्धू भी सीएम बनना चाहते थे, लेकिन आलाकमान ने उनकी एक न सुनी. चन्नी पहले अनुसूचित जाति से संबंद्ध रखने वाले मुख्यमंत्री बन गए, जो पंजाब के इतिहास में पहली बार हुआ. इधर सुनील जाखड़ और सिद्धू जबरदस्त नाराज हो गए. सिद्धू ने तो बाद में इस्तीफा भी दे दिया था, हालांकि बाद में उन्होंने इसे वापस ले लिया, लेकिन सुनील जाखड़ की सीएम नहीं बन पाने की टीस बार-बार उजागर होती रहती है.

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अब ताजा मामले में एक बार फिर सुनील जाखड़ ने बयान दिया है. सुनील जाखड़ ने दावा किया है कि सितंबर 2021 में कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने के बाद कांग्रेस ने नए CM के लिए वोटिंग करवाई थी, जिसमें 79 विधायकों में से 42 उनके हक में थे. चरणजीत चन्नी का सिर्फ 2 विधायकों ने समर्थन किया था. इसके बावजूद वह सीएम बन गए. सुनील जाखड़ ने पहली बार यह बात अबोहर में कांग्रेस कैंडिडेट के प्रचार के दौरान कही. जाखड़ ने कहा कि उनके बाद वोटिंग में 16 विधायकों ने सुखजिंदर सिंह रंधावा, 12 विधायकों ने कैप्टन की पत्नी परनीत कौर का नाम लिया था. नवजोत सिद्धू के हक में सिर्फ 6 विधायकों ने वोट दिया था.

मुझे डिप्टी सीएम का पद ऑफर हुआ था- सुनील जाखड़

सुनील जाखड़ ने कहा कि सीएम न बन पाने के बाद कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें डिप्टी सीएम का पद भी ऑफर किया था, हालांकि उन्होंने कांग्रेस विधायकों और हाईकमान का धन्यवाद भी किया. उन्होंने कहा कि जाखड़ का नाम तब आया, जब वह विधायक भी नहीं थे.

 

सिख स्टेट-सिख सीएम की वजह से रह गए थे जाखड़

कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने के बाद सुनील जाखड़ का सीएम बनना तय था. कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें बैंगलुरू से वापस बुलाया था, हालांकि अंतिम वक्त में कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने कह दिया कि पंजाब सिख स्टेट है और यहां सीएम सिख चेहरा होना चाहिए. सुनील जाखड़ हिंदू हैं, इसलिए कांग्रेस ने अंतिम वक्त में फैसला बदल दिया गया. इससे पहले डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा भी हामी भर चुके हैं कि एक बार कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें सीएम बनाने के लिए हां कर दी थी. हालांकि फिर चरणजीत चन्नी सीएम बन गए. तब चर्चा यह थी कि रंधावा का नाम सामने आने के बाद किसी जाट सिख को सीएम बनाने का पता चलते ही नवजोत सिद्धू ने भी दावा ठोक दिया था. वहीं यह पहली बार है कि जब यह खुलासा हुआ कि महारानी परनीत कौर का नाम भी सीएम बनने की दौड़ में था.

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हालांकि अब पंजाब में कांग्रेस को बड़े हिंदू चेहरे की कमी खल रही है. पंजाब में उनके पास सुनील जाखड़ ही सबसे बड़े हिंदू चेहरे हैं, लेकिन कांग्रेस सीएम और पार्टी प्रधान के तौर पर सिख चेहरे लगा दिए. चरणजीत चन्नी को सीएम बना कांग्रेस ने 32% दलित वोट बैंक साधने की कोशिश की, लेकिन करीब 38% हिंदू वोट बैंक को लेकर चिंता बनी हुई है. यही वजह है कि कांग्रेस ने अभी तक सीएम कैंडिडेट की घोषणा नहीं की है. हालांकि राहुल गांधी ने कहा है कि वे सीएम फेस का ऐलान शक्ति एप के जरिए कार्यकर्ताओं का फीडबैक लेने के बाद करेंगे. अब तक सीएम फेस का ऐलान इसलिए नहीं किया जा रहा था कि हाईकमान संयुक्त चेहरे पर चुनाव लड़ना चाहता है. वो न तो हिंदू वोट खोना चाहता है, न दलित और न सिख वोट..