पंजाब/नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस में पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पूर्व विधायक सुरजीत सिंह धीमान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पार्टी ने उन्हें प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है. सुरजीत सिंह धीमान मालवा क्षेत्र के प्रमुख नेता हैं. पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने पार्टी की इस कार्रवाई का पत्र जारी कर जानकारी दी. आदेश में कहा गया है कि पूर्व विधायक सुरजीत सिंह धीमान को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया जाता है.

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धीमान ने कांग्रेस हाईकमान के फैसले पर खड़े किए थे सवाल

दरअसल पूर्व विधायक सुरजीत सिंह धीमान ने नवजोत सिंह सिद्धू के समर्थन में कांग्रेस हाईकमान के फैसले पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने पंजाब प्रदेश अध्यक्ष के पद पर अमरिंदर सिंह बराड़ (राजा वडिंग) की घोषणा के बाद बयान दिया था कि राजा वडिंग वही इंसान हैं, जिनका नाम ड्रग मामले व पैसों के लेनदेन में आने के बाद वे बादल परिवार के सामने झुक गए थे. वह मौकापरस्त और भ्रष्टाचारी हैं. धीमान के इस बयान के कुछ घंटे बाद ही उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. माना जा रहा है कि यह कार्रवाई सीधे राजा वडिंग ने की है. हैरानी की बात यह है कि निष्कासन से पहले सुरजीत सिंह धीमान को पार्टी की ओर से कोई नोटिस तक नहीं दिया गया.

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सुरजीत सिंह धीमान का राजनीतिक जीवन

सुरजीत सिंह धीमान ने 2002 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी और उसके बाद दो बार विधानसभा के चुनाव उन्होंने जीते. 2007 में संगरूर जिले के दिर्बा विधानसभा क्षेत्र से वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े. परिसीमन प्रक्रिया में जब दिर्बा को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया, तो धीमान को 2012 में संगरूर जिले के अमरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भी मैदान में उतारा गया, लेकिन वह उस समय अकाली दल के उम्मीदवार से चुनाव हार गए थे. फिर 2017 के विधानसभा चुनाव में फिर से अमरगढ़ से चुनाव लड़कर धीमान ने जीत हासिल की थी.

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