मुंबई. एक्टर आयुष शर्मा के दादा और पूर्व राजनेता सुखराम शर्मा का बुधवार को 94 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले उन्हें ब्रेन स्ट्रोक के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सुखराम 1993 से 1996 तक केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रहे. एक्टर आयुष शर्मा ने इंस्टाग्राम पर अपने दादा के निधन पर एक भावनात्मक पोस्ट शेयर किया.
आयुष शर्मा ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर करते हुए केप्शन में लिखा कि बहुत भारी मन से मैं अपने प्यारे दादा जी पंडित सुखराम शर्मा को विदाई दी. भले ही आप चले गए हों, लेकिन मुझे पता है कि आप हमेशा मेरे साथ रहेंगे, मेरा मार्गदर्शन करेंगे और मुझे आशीर्वाद देंगे, जैसे आप हमेशा देते थे. आपकी आत्मा को शांति मिले, दादा जी आप बहुत याद आएंगे. हाल ही में जब उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उस वक्त उनके निधन की खबरें सामने आने लगी थी. इन खबरों को आयुष ने महज अफवाह करार दिया था.
इसे भी पढ़ें – ग्लैमर की दुनिया को छोड़ आध्यात्म की राह पर निकल पड़ी ये एक्ट्रेस, इंडस्ट्री को हमेशा के लिए कहा गुड बॉय…
सुख राम मंडी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के सदस्य थे. उन्होंने पांच विधानसभा चुनाव जीते और तीन बार लोकसभा के लिए चुने गए. आयुष के पिता अनिल शर्मा वर्तमान में मंडी से बीजेपी विधायक हैं.
भ्रष्टाचार के केस में हुई थी पांच साल की सजा
सुखराम शर्मा साल 1993-1996 के बीच केंद्रीय राज्य मंत्री, संचार (स्वतंत्र प्रभार) रहे थे. वह मंडी (हिमाचल प्रदेश) से लोकसभा सांसद थे. अपने राजनीतिक जीवन में सुखराम पांच बार विधानसभा और तीन बार लोकसभा चुनाव जीते. अब सुखराम के बेटे अनिल शर्मा मंडी से बीजेपी विधायक हैं. साल 2011 में उनको पांच साल की सजा भी हुई थी. उनपर 1996 में संचार मंत्री रहते भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे.
इसे भी पढ़ें – Shahrukh Khan के बंगले ‘मन्नत’ के पास लगी आग… मचा हड़कंप
1993 में सुखराम जब मंडी लोकसभा से सांसद थे, तब उनके बेटे इसी सीट से विधानसभा चुनाव जीते थे. लेकिन फिर 1996 में अनिल शर्मा को कांग्रेस से निकाल दिया गया था क्योंकि उनका नाम टेलिकॉम घोटाले में आया था. फिर अनिल ने हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी बनाई थी. पार्टी ने बीजेपी से गठबंधन किया था और सरकार में भी शामिल हुई थी.
फिर 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले सुखराम ने अपने बेटे अनिल शर्मा और पोते आश्रय शर्मा के साथ बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. लेकिन फिर 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सुखराम और आश्रय ने दोबारा कांग्रेस का दामन थामा था. आश्रय ने लोकसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन वह जीत नहीं सके थे.
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां करें क्लिक
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक