रायपुर। प्रदेश के आकांक्षी और हाईबर्डन जिलों में कुपोषण और एनीमिया जैसी समस्याओं से निपटने के लिए राज्य सरकार ने मार्च से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशनकार्डधारी परिवारों को फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जाएगा. यह निर्णय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में किया गया है.
खाद्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, सार्वजनिक वितरण प्रणाली में राज्य योजना के राशनकार्डों में चावल का वार्षिक आबंटन लगभग 3 लाख 89 हजार 486 टन है. इस चावल के फोर्टिफिकेशन के लिए लगभग 28.43 करोड़ और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के हितग्राहियों को फोर्टिफाइड चावल के वितरण के लिए राज्य सरकार द्वारा 11.16 करोड़ इस प्रकार की 39.59 करोड़ रुपए की राशि व्यय की जाएगी.
फोर्टिफाइड चावल का वितरण राज्य के 10 आकांक्षी जिले कोरबा, राजनांदगांव, महासमुंद, कांकेर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, बस्तर, कोण्डागांव, सुकमा तथा 2 हाईबर्डन जिले कबीरधाम और रायगढ़ में किया जाएगा. इन जिलों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के राशनकार्डों की तरह ही राज्य योजना के राशनकार्डों में फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जाएगा.
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गौरतलब है कि ‘फोर्टिफाइड’ चावल आयरन और विटामिन से युक्त होता है. इस चावल में विटामिन ए, विटामिन बी1, विटामिन बी12, फोलिक एसिड, आयरन और जिंक सभी पोषक तत्व का मिश्रण होता है. यह लोगों की खुराक में आवश्यक पौष्टिक तत्वों की पूर्ति के साथ ही कुपोषण के नियंत्रण में काफी हद तक मददगार होती है.
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