रायपुर. छत्तीसगढ़ में महिलाओं और बच्चों में कुपोषण और एनीमिया की स्थिति को दूर करने के मद्देनजर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में शासकीय उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से प्राथमिकता वाले परिवारों को फोर्टिफाइड चावल (Fortified rice) वितरण का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. अब प्रदेश के सभी जिलों में आगामी माह के एक अप्रैल से फोर्टिफाइड चावल का वितरण होगा. जिला प्रशासन द्वारा इसकी तैयारी की जा रही है. फोर्टिफाइड चावल प्राथमिकता, अन्त्योदय, एकल निराश्रित, निःशक्जन, श्रेणी के राशनकार्डधारियों को वर्तमान में दिए जा रहे सामान्य चावल के स्थान पर मिलेगा.

गौरतलब है कि राज्य सरकार सार्वभौम पीडीएस के तहत खाद्यान्न सुरक्षा के साथ-साथ पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने और एनीमिया एवं अन्य पोषक तत्वों की कमी को दूर करने नवंबर 2020 से कोण्डागांव जिले में फोर्टिफाइड चावल वितरण प्रारंभ किया गया है. वर्तमान में मध्यान्ह भोजन योजना और पूरक पोषण आहार योजना में प्रदेश के सभी जिलों में फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत राज्य के 10 आकांक्षी जिले (कोरबा, राजनांदगांव, महासमुंद, कांकेर, नारायणपुर, दंतेवाडा, बीजोपुर, बस्तर, कोण्डागांव, सुकमा) और 02 हाई बर्डन जिले (कबीरधाम और रायगढ़) में फोटिफाइड चावल का भी वितरण किया जा रहा है.

आयरन और विटामिन से भरपूर है फोर्टिफाइड चावल

फोर्टिफाइड चावल (Fortified rice) पोषक एवं स्वास्थ्यवर्धक है. यह आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 से युक्त होता है. इसमें मौजूद आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 जैसे पोषक तत्व बड़ो एवं बच्चों में खून की कमी नहीं होने देता है और खून निर्माण और तंत्रिका तंत्र के सही ढंग से कार्य में सहायक होता है. प्रदेश के कई स्थानों पर फोर्टिफाइड चावल को लेकर प्लास्टिक चावल होने का भ्रम भी सामने आई है. दरअसल, फोर्टिफाइड चावल सामान्य चावल से अधिक चिकना और अलग दिखता है, लेकिन वह प्लास्टिक नहीं है. लेकिन बेहतर गुणवत्ता वाला चावल है. खाद्य विभाग द्वारा लोगों में भ्रम की स्थिति को दूर करने राशनकार्डधारियों को आंगनबाडी कार्यकर्ता, मितानीन और उचित मूल्य दुकानों में बैनर, पोस्टर आदि के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल को पकाने के तरीके एवं उपयोग के संबंध में समय-समय पर जागरूक किया जा रहा है.

फूड या खाद्य पदार्थों के फोर्टीफिकेशन का क्या मतलब है ?

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक फूड फोर्टीफिकेशन का मतलब होता है टेक्नोलॉजी के माध्यम से खाने में विटामिन और मिनरल के स्तर को बढ़ाना. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि आहार में पोषक तत्वों की कमी को दूर किया जा सके और इससे लोगों के स्वास्थ्य को भी लाभ मिले. आम तौर पर चावल की मिलिंग और पॉलिशिंग के समय फैट और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर चोकर की परतें हट जाती है. चावल की पॉलिश करने से 75-90 प्रतिशत विटामिन भी निकल जाते हैं, जिसके वजह से चावल के अपने पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं. इसलिए चावल को फोर्टिफाई करने से उनमें सूक्ष्म पोषक तत्व न सिर्फ फिर से जुड़ जाते हैं बल्कि और ज्यादा मात्रा में मिलाये जाते हैं, जिससे चावल और अधिक पौष्टिकयुक्त हो जाता है.

बता दें कि चावल को फोर्टीफाइड करने के लिए सबसे पहले सामान्य चावल का पाउडर बनाया जाता है और उसमे सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे विटामिन बी-12, फोलिक एसिड और आयरन, एफएसएसएआई (FASSI) के मानकों के अनुसार मिलाए जाते हैं. चावल के पाउडर और विटामिन/मिनरल के मिश्रण को मशीनों द्वारा गूंथा जाता है और एक्सट्रूजन नामक मशीन से चावल के दानों फोर्टिफाइड राइस कर्नेल एफआरके (फोर्टिफाइड राइस कर्नेल्स) को निकाला जाता है. इस एफआरके के एक दाने (ग्राम) को सामान्य चावल के 100 दानों (ग्राम) के अनुपात में मिलाया जाता है जिसे फोर्टीफाइड चावल कहते हैं.

ऐसे पकाया जाता है फोर्टीफाइड चावल

अधिकतम पौष्टिक लाभ के लिए फोर्टीफाइड चावल को पर्याप्त पानी में पकाना चाहिए और बचे हुए पानी को फेंकना नहीं चाहिए. अगर चावल को बनाने से पहले पानी में भिगोया गया हो तो चावल को उसी पानी में पकाना चाहिए. फोर्टीफाइड चावल अत्यधिक पानी में धोने और पकाने के बाद भी अपने पोषक तत्वों को बरकरार रखता है. फोर्टीफाइड चावल को हर बार इस्तेमाल करने के बाद साफ और सूखे हवा-बंद डब्बे में रखना चाहिए.