सत्यपाल राजपूत रायपुर. राजधानी के एक घर में एक साथ चार कॉलेज संचालित करने का मामला सामने आया है. इस मकान में मिनाक्षी कॉलेज, रामचंद्र कॉलेज-शहडोल और साईनाथ कॉलेज-उमरिया के कॉलेजों को शहर के देवपुरी में संचालित किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि यहां संचालित किसी भी कॉलेज की मान्यता संचालक के पास नहीं है. परीक्षा ना होने पर जब छात्रों ने कॉलेज का घेराव किया तब जाकर मामले का खुलासा हुआ.
देवपुरी जय अंबे हॉस्पिटल के पास संचालित इस कॉलेज की मान्यता नहीं होने से परीक्षा भी नहीं ली जा रही थी. पिछले चार साल से संचालक यहां साईनाथ पैरामेडिकल कॉलेज का भी संचालन कर रहा था. इसकी मान्यता भी संचालक के पास नहीं है. लेकिन इसके बाद भी वह धड़ल्ले से एक ही मकान में चार कॉलेज चला रहा था.
तीन साल से नहीं हुई परीक्षा
स्टूडेंट्स के मुताबिक पिछले तीन साल से यहां परीक्षा नहीं हुई है. इसे लेकर छात्र-छात्राओं में भारी आक्रोश है. विद्यार्थियों ने जब जांच-पड़ताल की तब पता चला कि छत्तीसगढ़ में इन कॉलेजों की मान्यता ही नहीं है. स्टूडेंट्स का कहना है कि यहां एडमिशन के लिए 60-70 हजार रुपये फीस ली गई है.
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सेंटर के रूप में कर रहे हैं संचालित- नरेंद्र पांडेय
कथित संचालक नरेंद्र पांडेय ने कहा कि मिनाक्षी, रामचंद्र, और साईनाथ, ये सभी MP का कॉलेज हैं. छत्तीसगढ़ में कहीं भी इनका पंजीयन या मान्यता नहीं है. यहां हम इसे सेंटर के रूप में चलाते हैं और विद्यार्थियों की मांग पर हम यहां कक्षा संचालित कर रहे हैं. वहीं एग्जाम को लेकर उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों से कोरोना काल के कारण परीक्षा नहीं हुई है.
भविष्य खराब करने की धमकी
यहां पढ़ने वाली बीएमएलटी बैच- 2019 की छात्रा दीप्ति साहू ने कहा कि हमें बताया गया था कि यही कॉलेज है और यहीं से परीक्षा ली जाएगी. लेकिन पिछले तीन सालों से परीक्षा नहीं हुई है. परीक्षा क्यों नहीं हो रही है पूछे जाने पर धमकी दी जाती है. इसके अलावा भविष्य खराब करने के साथ ही हमारे साथ छेड़छाड़ भी की जाती थी.
कड़ी कार्रवाई की मांग
छात्र-छात्राओं का कहना है कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है. एडमिशन के नाम पर उनसे 60-70 हजार रुपये ऐंठे गए. स्टूडेंट्स का आरोप है कि यहां पर सलाना 2-3 करोड़ का बिजनेस चल रहा है. चार कॉलेज के नाम पर यहां गिनती के कोर्स संचालित किए जा रहे हैं. जिसमें ओटी टैक्नीशियन, बीएमएलटी, डीएमएलटी, शामिल है. अब स्टूडेंट्स आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
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