मॉस्को. फ्रांस फीफा वर्ल्ड कप 2018 का सिकंदर बन गया है. रूस की राजधानी मॉस्को में खेले गए फाइनल मुकाबले में उसने क्रोएशिया को 4-2 से शिकस्त दी. इसी के साथ ही फ्रांस ने 20 साल बाद एक बार फिर फीफा वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम कर लिया है और क्रोएशिया का पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना तोड़ दिया.
फ्रांस की टीम इससे पहले 1998 में पहली बार अपने घर में खेले गए वर्ल्ड कप में वर्ल्ड चैंपियन बनी थी. इसके बाद 2006 में उसने फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन इटली से हार गई थी. 69वें मिनट में मारियो मांडजुकिक ने गोल करते हुए फ्रांस की बढ़त को कम किया. मांडजुकिक ने अकेले ही गेंद ले जाकर गोलकीपर को छकाकर गेंद गोल में डाल दी. फ्रांस की डिफेंस उस समय गायब थी.
65वें मिनट में फ्रांस ने एक और गोल दागा. एम्बाप्पे ने अपनी टीम को 4-1 से बढ़त दिलाई. दूसरे हाफ में फ्रांस ने एक बार फिर गोल किया और क्रोएशिया पर 3-1 से बढ़त बनाई. पॉल पोग्बा ने फ्रांस के लिए 59वें मिनट में यह गोल दागा. फ्रांस की बढ़त 3-1 की हो गई है. इस गोल के बाद फ्रांस की स्थिति काफी मजबूत हो गई है. पूर्व चैंपियन फ्रांस ने एंटोनी ग्रीजमैन के बेहतरीन खेल से फीफा वर्ल्ड कप 2018 के फाइनल में हाफ टाइम तक क्रोएशिया पर 2-1 से बढ़त बनाई.
फ्रांस ने 18वें मिनट में मारियो मांडजुकिक के आत्मघाती गोल से बढ़त बनाई, लेकिन इवान पेरिसिक ने 28वें मिनट में बराबरी का गोल दाग दिया. फ्रांस को हालांकि जल्द ही पेनल्टी मिली, जिसे एंटोनी ग्रीजमैन ने 38वें मिनट में गोल में बदला. दोनों टीमें 4-2-3-1 के संयोजन के साथ मैदान पर उतरी. क्रोएशिया ने इंग्लैंड की खिलाफ जीत दर्ज करने वाली शुरुआती एकादश में बदलाव नहीं किया, तो फ्रांसीसी कोच डिडियर डेसचैम्प्स ने अपनी रक्षापंक्ति को मजबूत करने पर ध्यान दिया.
क्रोएशिया ने अच्छी शुरुआत और पहले हाफ में न सिर्फ गेंद पर अधिक कब्जा जमाये रखा, बल्कि इस बीच आक्रामक रणनीति भी अपनाए रखी, लेकिन भाग्य फ्रांस के साथ था, जिसने बिना किसी प्रयास के दोनों गोल किए. फ्रांस को पहला मौका 18वें मिनट में मिला और वह इसी पर बढ़त बनाने में कामयाब रहा. फ्रांस को दाईं तरफ बॉक्स के करीब फ्री किक मिली. ग्रीजमैन का क्रॉस शॉट गोलकीपर डेनियल सुबासिक की तरफ बढ़ रहा था, लेकिन तभी मांडजुकिक ने उस पर सिर लगा दिया और गेंद गोल में घुस गई. इस तरह से मांडजुकिक फाइनल में आत्मघाती गोल करने वाले पहले खिलाड़ी बन गए.
पेरिसिक ने हालांकि जल्द ही बराबरी का गोल करके क्रोएशियाई दर्शकों और मांडजुकिक में जोश भरा. पेरिसिक का यह गोल हालांकि दर्शनीय था, जिसने लुज्निकी स्टेडियम में बैठे दर्शकों को रोमांचित करने में कसर नहीं छोड़ी. क्रोएशिया को फ्री किक मिली और फ्रांस इसके खतरे को नहीं टाल पाया. पहले मांडजुकिच ने और डोमागोज विडा ने गेंद विंगर पेरिसिक की तरफ बढ़ाई, उन्होंने थोड़ा समय लिया और फिर बाएं पांव से शाट जमाकर गेंद को गोल के हवाले कर दिया. ह्यूगो लोरिस के पास इसका कोई जवाब नहीं था.
लेकिन इसके तुरंत बाद पेरिसिक की गलती से फ्रांस को पेनल्टी मिल गई. बॉक्स के अंदर गेंद पेरिसिक के हाथ से छू गई. रेफरी ने वीएआर की मदद ली और फ्रांस को पेनल्टी दे दी. ग्रीजमैन ने उस पर गोल करने में कोई गलती नहीं की. यह 1974 के बाद विश्व कप में पहला अवसर है, जब फाइनल में मध्यांतर से पहले तीन गोल हुए.
शुरुआती लाइनअप:
क्रोएशिया: डेनिजेल सुबासिक, सिमे वसाल्जको, डेजान लोवरेन,डोमागोज विदा, इवान स्ट्रिनीक, इवान रेकिटिक,मासेर्लो ब्राजोविक, एंटे रेबिक, लुका मोड्रिक, इवान पेरीसिक और मारियो मांजुकिक.
फ्रांस: लोरिस, बेंजामिन पावर्ड, राफेल वरान, सैमुअल उम्तीती, लुकास हर्नान्डेज, एनगोलो कान्ते, पॉल पोग्बा,कीलियन एम्बापी,एंटोनी ग्रीजमैन,ब्लेस मातुइदी और ओलीवर जिरो. 32 टीमों की शिरकत के बाद फीफा वर्ल्ड कप के 21वें संस्करण के फाइनल में दो टीमें- फ्रांस और क्रोएशिया तमाम जद्दोजहद को पार कर फाइनल में पहुंची हैं. फ्रांस तीसरी बार फाइनल में पहुंची है. वह 1998 में पहली बार अपने घर में खेले गए वर्ल्ड कप में फाइनल खेली थी और जीतने में सफल रही थी. इसके बाद 2006 में उसने फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन इटली से हार गई थी. फ्रांस के पास फाइनल खेलने का अनुभव है, लेकिन अगर क्रोएशिया की बात की जाए तो वह पहली बार फाइनल में पहुंची हैं.