रायपुर। राजधानी रायपुर में शिक्षा विभाग के अधिकारियों और निजी स्कूल संचालकों की मिलीभगत से छात्रों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तकों से वंचित रखने का बड़ा मामला सामने आया है। इस मामले में रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी (D.E.O.) विजय खंडेलवाल पर कार्यवाही की अनुशंसा की गई है। संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा, रायपुर ने संचालक लोक शिक्षण संचालनालय को पत्र लिखकर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा है।
निजी स्कूलों और अफसरों की मिलीभगत: विकास तिवारी का आरोप
कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने शिक्षा विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राजधानी के कई सीजी बोर्ड से मान्यता प्राप्त इंग्लिश मीडियम स्कूल फर्जी तरीके से CBSE पैटर्न बताकर न सिर्फ छात्रों को गुमराह कर रहे हैं, बल्कि उनसे जबरन महंगी और अतिरिक्त सिलेबस वाली किताबें भी खरीदवा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि ये स्कूल सरकार से मिलने वाली निःशुल्क किताबें नहीं लेते, जिससे छात्रों को सरकार की योजना का लाभ नहीं मिल पाता।

विकास तिवारी ने यह भी बताया कि उन्होंने पिछले वर्ष इस संबंध में लिखित शिकायत की थी, जिस पर दो सदस्यीय जांच समिति बनाई गई थी। समिति की रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि इन स्कूलों ने पिछले 8–10 वर्षों से निःशुल्क किताबें नहीं लीं, और छात्रों को बाजार से किताबें खरीदने के लिए मजबूर किया गया। लेकिन डीईओ विजय खंडेलवाल ने जांच रिपोर्ट को उच्च कार्यालय को भेजने से इनकार कर दिया, जिससे इस वर्ष भी हजारों छात्रों को मुफ्त किताबें नहीं मिलीं।
इन स्कूलों पर लगे हैं आरोप
विकास तिवारी ने रायपुर के कई निजी स्कूलों के नाम सार्वजनिक किए, जिनमें कृष्णा पब्लिक स्कूल (शंकर नगर, आरंग, नयापारा), कृष्णा किड्स एकेडमी (मोवा, मोहबा बाजार, अवंती विहार, टाटीबंध), श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल (अम्लीडीह, सरोना), केपीएस किड्स (भाटागांव, देवेंद्र नगर), कृष्णा जूनियर डूंडा, जीवन विहार कॉलोनी का नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं।
विकास तिवारी ने बताया कि इन स्कूलों में करीब 5000 से अधिक छात्र पढ़ते हैं, लेकिन किसी भी स्कूल ने शासन से किताबें नहीं लीं। रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल खुलने से पहले ही छात्रों को महंगी और गुणवत्ताहीन किताबें जबरन बेची जा चुकी हैं।
एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी
विकास तिवारी ने कहा कि वह जल्द ही डीईओ रायपुर और संबंधित प्राइवेट स्कूल संचालकों पर एफआईआर दर्ज कराएंगे। उन पर धोखाधड़ी, ठगी और कूट रचना की धाराओं में पुलिस प्रकरण दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है।
क्या कहते हैं अधिकारी
शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन डीईओ रायपुर की चुप्पी और रिपोर्ट रोकने की हरकत ने उनकी भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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