French Open 2025 : कार्लोस अल्कारेज… टेनिस की दुनिया का वह नाम जिसे अब कोई भूल नहीं पाएगा. 22 साल के इस खिलाड़ी ने पेरिस में हुए फ्रेंच ओपन 2025 के फाइनल में इतिहास रचा है. आइए जानते हैं ये जीत ऐतिहासिक क्यों रही…
French Open 2025 : पेरिस की लाल मिट्टी पर इतिहास रचते हुए स्पेन के युवा सनसनी कार्लोस अल्कारेज ने दिखा दिया कि असली चैंपियन वही है जो हार के मुहाने से जीत छीन लाए. फ्रेंच ओपन 2025 के फाइनल में उन्होंने विश्व नंबर-1 यानिक सिनर को पांच घंटे 29 मिनट तक चले एक रोमांचक मुकाबले में 4-6, 6-7, 6-4, 7-6, 7-6 से हराकर अपना पांचवां ग्रैंडस्लैम खिताब जीता. यह मुकाबला बेद रोमांचक था, जिसमें अल्कारेज शुरुआती में पीछे थे, लेकिन उन्होंने धमाकेदार वापसी की और खिताब जीतकर कमाल कर दिखाया.
French Open 2025 : ऐसा रहा फाइनल का रोमांच
फाइनल मुकाबले में पहले दो सेट गंवाने के बाद ऐसा लग रहा था कि यानिक सिनर (Janinik Sinner) आसानी से खिताब जीत जाएंगे, लेकिन अल्कारेज ने दिखाया कि क्यों उन्हें अगली पीढ़ी का सबसे बड़ा सितारा कहा जाता है. चौथे सेट में जब अल्कारेज 3-5 से पीछे थे और हार के करीब लग रहे थे, तब उन्होंने लगातार तीन मैच प्वाइंट बचाकर मुकाबले को टाईब्रेक में खींचा और 7-6 से सेट जीत लिया.
निर्णायक सेट के टाईब्रेक में अल्कारेज ने शुरुआत से ही सिनर को कोई मौका नहीं दिया और 7-0 की जोरदार बढ़त बनाकर उन्होंने खिताब अपने नाम किया.
दुनिया का नया चैंपियन
22 साल के कार्लोस अल्कारेज अब दुनिया के नए चैंपियन हैं. यह उनके करियर का पांचवां ग्रैंडस्लैम है. खास बात यह है कि वह अब तक किसी फाइनल में नहीं हारे हैं. 2025 में क्ले कोर्ट पर उनका रिकॉर्ड 22-1 हो गया है, जो काबिले तारीफ है.
French Open 2025 : यानिक सिनर को करारा झटका
23 साल के यानिक सिनर ने इसी साल ऑस्ट्रेलियन ओपन और पिछले साल यूएस ओपन जीता था, लेकिन वो पेरिस में अपनी जीत की हैट्रिक पूरी करने में नाकाम रहे. सिनर को इस हार से करारा झटका लगा है.
जोकोविच का रिकॉर्ड सपना टूटा
सेमीफाइनल में सिनर ने नोवाक जोकोविच को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी. इस हार ने जोकोविच के 25वें ग्रैंडस्लैम खिताब का इंतजार और लंबा कर दिया है.
यह जीत क्यों है ऐतिहासिक?
इस जीत ने अल्कारेज को क्ले कोर्ट के सबसे बड़े नामों में शामिल कर दिया है. चौथे सेट में हार के करीब होने के बाद तीन मैच प्वाइंट बचाकर अल्कारेज ने साबित कर दिया कि सच्चे चैंपियन का दिल कभी नहीं हारता. अल्कारेज ने न केवल यह खिताब जीता, बल्कि यह भी दिखाया कि वह नडाल और फेडरर की विरासत को आगे ले जाने के लिए तैयार हैं. पेरिस के कोर्ट फिलिप शाट्रियर पर अल्कारेज ने जो कहानी लिखी, वह टेनिस के इतिहास में हमेशा सुनाई जाएगी.