रायपुर- जल जीवन मिशन में गड़बड़ी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डाॅक्टर रमन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भेजकर उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है. चिट्ठी भेजे जाने के बाद रमन ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा कि केंद्रीय योजनाओं में राज्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी राजनीतिक चश्मे से नहीं देखते, इसलिए ही पूरे देश में जल जीवन मिशन योजना में सबसे ज्यादा पैसा छत्तीसगढ़ को दिया गया, लेकिन राज्य सरकार ने केंद्रीय गाइनडाइन की धज्जियां उड़ाते हुए मनमाने ढंग से ठेका जारी किया. विपक्ष के मुद्दे उठाने के बाद सरकार ने इसे निरस्त किया है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दरअसल टेंडर निरस्त करने के पीछे सच्चाई यह है कि इस पूरे मामले की लीपापोती करना. उन्होंने कहा कि यह कमीशन के खेल का झगड़ा है. हमने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराई जाए. छत्तीसगढ़ की सेवा करने का वादा कर सत्ता में आई सरकार को शर्म नहीं आ रही. केंद्रीय मद की राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है.
रमन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को बहुत सारे छूट दिए थे, मगर छत्तीसगढ़ में केंद्रीय मद का जो पैसा आ रहा है, सरकार उसकी बंदरबांट कर रही है. एक मद का पैसा दूसरे मद में खर्च किया जा रहा है. इसकी जानकारी हमने केंद्र सरकार को भेज दी है. उन्होंने कहा कि आवास योजना समेत कई योजनाएं ऐसी हैं, जिसमें राज्य सरकार द्वारा सिर्फ मैचिंग ग्रांट नहीं देने की वजह से योजना ही बंद हो गई. इसका बड़ा नुकसान राज्य का हो रहा है.

राजनांदगांव के साथ अन्याय कर रही सरकार

पूर्व मुख्यमंत्री डाॅक्टर रमन सिंह ने कहा कि भूपेश सरकार राजनांदगांव जिले के साथ अन्याय कर रही है. एक के बाद एक विभागों को खत्म किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एडीबी के अधीक्षण अभियंता कार्यालय को राजनांदगांव से उठाकर दुर्ग शिफ्ट कर दिया गया. राजनांदगांव में 12 ब्लाॅक आते हैं. इन ब्लाॅकों में चार सौ से ज्यादा किलोमीटर सड़कों का काम चल रहा है, जबकि दुर्ग में महज सौ किलोमीटर सड़कों का. लगता है कि राजनांदगांव में विकास के काम बंद हो जाए, इसलिए सरकार ऐसा कर रही है. हम इसका विरोध करते हैं.

किसान की आत्महत्या पर बोले रमन

अभनपुर में खेत में किसान की आत्महत्या के मामले पर भी डाॅक्टर रमन सिंह ने सरकार पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि आत्महत्या करने वाले किसान सरकार की नजर में या तो मानसिक रोगी हो जाते हैं, या तो बीमार. कांग्रेस के लोग किसानों के साथ मजाक कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल बिहार में जाकर कहते हैं कि यहां आकर किसानों को देखें, लेकिन यदि वहां से राज्य में आकर किसानों की हालत किसी को देखनी है, तो उसे अभनपुर जाना चाहिए.