मोतिहारी। बिहार में नक्सलियों पर हो रही सख्त कार्रवाई का असर स्पष्ट दिखाई दे रहा है। 12 साल से फरार चल रहा कुख्यात नक्सली संजय सिंह आखिरकार कानून के आगे झुक गया। शिवहर जिले के श्यामपुर भटहां का रहने वाला यह नक्सली गुरुवार को खुद चलकर अदालत पहुंचा और आत्मसमर्पण कर दिया। उसकी गिरफ्तारी के लिए पचपकड़ी थानाध्यक्ष पूजा कुमारी के नेतृत्व में पुलिस लगातार दबिश बना रही थी जिसके दबाव में उसने सरेंडर का फैसला लिया।
विशेष अभियान का पड़ा गहरा प्रभाव
एसपी स्वर्ण प्रभात और सिकरहना डीएसपी उदय शंकर के निर्देश पर नक्सली नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए विशेष अभियान चल रहा है। इसी अभियान की वजह से संजय सिंह जैसे हार्डकोर नक्सली भी कोर्ट की शरण ले रहे हैं। पुलिस के अनुसार, संजय सिंह लंबे समय से नक्सली गतिविधियों, लेवी वसूली, धमकी और कई गंभीर आपराधिक वारदातों में शामिल था। वह वर्षों तक बिहार और पड़ोसी राज्यों के सीमाई इलाकों में छिपकर रहता रहा लेकिन हाल के दिनों में लगातार बढ़ती रेड और सघन तलाशी ने उसके लिए बच पाना मुश्किल कर दिया था।
क्षेत्र में बढ़ रहे आत्मसमर्पण के मामले
सीमांचल और तिरहुत रेंज में पिछले कुछ महीनों में कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। मोतिहारी, पश्चिम चंपारण, शिवहर और सीतामढ़ी के विभिन्न इलाकों में पुलिस ने नक्सली ठिकानों पर अभियान चलाकर कई सहयोगियों को गिरफ्तार भी किया है। कुछ कुख्यात नक्सली भी मुख्यधारा में लौटने की इच्छा जता चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। पुलिस का बढ़ता दबाव और कानूनी कार्रवाई की सख्ती के कारण कई फरार नक्सली खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और न्यायालय की शरण ले रहे हैं।
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