धमतरी. बेटियों ने एक बार फिर समाज को आईना दिखाया है. मां की इच्छा और बेटा न होने की वजह से बेटी ने फर्ज निभाया और मां का अंतिम संस्कार कर मुखाग्नि दी. इस दौरान श्मशान घाट में मौजूद हर शख्स की आंखों में आंसू छलक उठे.

शहर से लगे मुजगहन गांव में रहने वाली मीना साहू लंबे समय से बीमार चल रही थी. एक दिन पहले ही स्वास्थ्य ज्यादा खराब होने के बाद उन्हें रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

दिवंगत मीना की चार बेटियां हैं बेटा नहीं है. चारों में से बड़ी बेटी की शादी घुमा आरंग में हुई है और तीनों बेटियां अपने माता पिता के साथ रायपुर के बोरियाखुर्द में रह रही थी. गुरुवार को मौत होने पर उनके शव को गृह ग्राम मुजगहन लाया गया. जहां देर शाम चारो बेटीयों ने मां की अर्थी को कंधा दिया. इसके बाद बड़ी बेटी शिल्पा सुमन ने श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कर चिता को मुखाग्नि दी.

पति के होते हुए बेटियों द्वारा मां की चिता को मुखाग्नि दिये जाने के बारे में जब शिल्पा से बात की गई तो उसने कहा कि मां की इच्छा थी कि उनके मृत्यु पर अर्थी को बेटियां ही कंधा दे और चिता को भी अग्नि उन्हीं के हाथों दिया जाये. उनकी अंतिम इच्छा पूरी करते हुए सभी बहनों ने मिलकर मां का अंतिम संस्कार किया.