Gali Mohalla Cricket League : गली मोहल्ला क्रिकेट लीग (जीएमसीएल) ने आज चंडीगढ़ प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पंजाब में नशे के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया। दिल्ली और मुंबई में सफल आयोजनों के बाद, जहां जीएमसीएल ने महाराष्ट्र पुलिस के साथ ‘नशा मुक्ति अभियान’ में भाग लिया, अब पंजाब में भी क्रिकेट के जरिए सामाजिक बदलाव लाने की योजना सामने रखी गई है।
इस अवसर पर जीएमसीएल ने ‘जीएमसीएल सरपंच ट्रॉफी’ की घोषणा की, जिसका आयोजन ग्रामीण पंजाब को एकजुट करने और गांवों के नेतृत्व को सम्मानित करने के उद्देश्य से किया जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सतकर्मिक मिशन के आध्यात्मिक प्रमुख बाबा इंदर प्रीत सिंह, ग्लोबल मिडास कैपिटल और सदा खिरदा पंजाब के निदेशक अमन बांदवी, खेल विकास और मनोविज्ञान विभाग के निदेशक हरमीत सिंह और जीएमसीएल के सीईओ रमन गांधी शामिल हुए।

इस अवसर पर बाबा इंदर प्रीत सिंह ने कहा कि नशा पंजाब के युवाओं और परिवारों को तोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि क्रिकेट एकता लाता है, इसलिए हम जीएमसीएल के माध्यम से युवाओं को उम्मीद और उद्देश्य देंगे। इस अवसर पर बोलते हुए अमन बांदवी ने कहा कि जीएमसीएल सिर्फ क्रिकेट के बारे में नहीं है, यह रोजगार, महिला सशक्तिकरण और पंजाब के पुनर्निर्माण के लिए एक अभियान है।
हरमीत सिंह ने कहा कि हमारी प्राइड अकादमी खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मजबूत बनाती है, ताकि वे मैदान के साथ-साथ जीवन की चुनौतियों का भी सामना कर सकें। इस अवसर पर जीएमसीएल के सीईओ रमन गांधी ने बड़े पैमाने पर योजना के बारे में बताते हुए कहा कि अगस्त 2025 से पूरे पंजाब में 500 टीमें, 5500 खिलाड़ी और 5000 मैच आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस और स्कूलों के सहयोग से यह अभियान हर गली और गांव तक पहुंचेगा।
उन्होंने कहा कि यह अभियान पंजाब को तीन क्षेत्रों माझा, मालवा और दोआबा में विभाजित करके चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि माझा क्षेत्र में अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन और पठानकोट जिले शामिल किए गए हैं। सिख विरासत वाले इस क्षेत्र में नशे के खिलाफ एकता लाई जाएगी। इसी तरह, 14 जिलों और 69 विधानसभा क्षेत्रों वाले सबसे बड़े क्षेत्र मालवा में लुधियाना, पटियाला, मोगा और बठिंडा जैसे शहर शामिल हैं। यहां युवाओं को क्रिकेट से जोड़कर जागरूकता फैलाई जाएगी।
इसी तरह, दोआबा क्षेत्र में जालंधर, कपूरथला, होशियारपुर और शहीद भगत सिंह नगर जैसे जिलों में समुदाय आधारित नेटवर्क का उपयोग करके जीएमसीएल का संदेश फैलाया जाएगा। जीएमसीएल ने यह भी स्पष्ट किया कि इसमें शामिल होने वाले खिलाड़ियों में 30% महिलाएं होंगी। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। सरपंच ट्रॉफी ग्रामीण क्षेत्रों में नई ऊर्जा लाएगी।
पंजाब में नशे के बढ़ते खतरे और सिंथेटिक ड्रग्स की समस्या के बीच जीएमसीएल की यह पहल एक नई उम्मीद बनकर उभरी है। क्रिकेट की लोकप्रियता और गांव-शहर की साझेदारी के साथ यह अभियान सामाजिक बदलाव की दिशा में एक मजबूत कदम है। अंत में जीएमसीएल ने अपना वादा दोहराते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य खेल, सेवा और एकता के माध्यम से पंजाब को नशा मुक्त और सशक्त बनाना है।
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