हेमंत शर्मा,इंदौर। आज गणेश चतुर्थी का त्योहार शुरू हो गया है. भारत के प्राचीन मंदिरों में से एक इंदौर का खजराना गणेश मंदिर है. कोरोना संक्रमण काल के 2 साल बीत जाने के बाद काफी उत्साह से गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा है. गणेश चतुर्थी के असवर पर भगवान गणेश का श्रृंगार 2 करोड़ से ज्यादा के आभूषणों से किया गया है. भगवान गणेश का श्रृंगार करीब 5 घंटे में हुआ है. खजराना गणेश मंदिर में देश-विदेश से लाखों भक्त दर्शन करने पहुंचते हैं.

गणेश चतुर्थी के इन 10 दिनों में भगवान श्री गणेश सभी के दुखों को दूर कर कर शुभ कार्य के लिए रास्ता खोलते हैं. यह 10 दिन धूमधाम से मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी पर 1.25 लाख मोदक चढ़ाने के बाद अगले 9 दिनों तक भगवान को अलग-अलग लड्डू का भोग लगाया जाएगा. इनमें गोंद के लड्‌डू, अजवाइन-सोंठ के लड्‌डू, बेसन के लड्‌डू, मोतीचूर के लड्‌डू, उड़द के लड्‌डू, मूंग के लड्‌डू, चावल के लड्‌डू, बड़ी बूंदी के लड्‌डू, तिल्ली के लड्‌डू और ग्यारस के दिन फरियाली लड्‌डूओं का भोग लगाया जाएगा. सभी दिन 11-11 हजार लड्‌डूओं का भोग लगेगा.

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इंदौर के खजराना गणेश मंदिर की मूर्ति का इतिहास देखा जाए, तो यहां पर रहने वाले पंडित मंगल भट्ट के सपने में गणेश जी ने दर्शन दिए थे. इसके बाद खुदाई में गणेश जी की मूर्ति निकालकर यहां स्थापित की गई थी. वहां से गणेश जी की मूर्ति दूसरी जगह स्थापित नहीं हो पाई. मूर्ति को हटाने के सभी प्रयास असफल रहे.

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अहिल्या देवी ने मंदिर का जीर्णोद्धार खजराना में ही करना शुरू कर दिया. इस प्राचीन मंदिर में तब से लेकर आज तक गणेश जी का श्रृंगार करोड़ों रुपए के आभूषणों से किया जा रहा है. जो भी भक्त खजराना गणेश मंदिर में दर्शन करने पहुंचता है, उस भक्तों की हर मनोकामना इस मंदिर में पूरी होती हैं.

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