मनेंद्र पटेल, दुर्ग. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के गनियारी गांव में हुए दोहरे हत्याकांड का खुलासा 18 महीने बाद आज दुर्ग आईजी रामगोपाल गर्ग ने किया. गांव के परिचित युवक चुमेंद्र निषाद ने अपने साथियों के साथ मिलकर टंगिया से वार कर दादी-पोती की हत्या की थी. पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. एक आरोपी फरार है. पूरा मामला 6 मार्च 2024 की रात का है. पुलिस के मुताबिक, आरोपी चुमेंद्र का पोती के साथ प्रेम संबंध था. घटना के कुछ दिनों पहले पोती और युवक को दादी ने रंगे हाथों पकड़ा था और युवक को जमकर फटकार लगाई थी. मुख्य आरोपी चुमेंद्र ने सगाई के बाद अवैध संबंधों का खुलासा होने के डर से योजना बनाकर वारदात को अंजाम दिया था.
इस मामले में आरोपी को पकड़ने में देरी पर परिजनों ने सीएम और गृह मंत्री को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की थी. पुलिस लगातार मामले की जांच कर रही थी. संदिग्ध 4 लोगों का पॉलिग्राफिक टेस्ट कराया गया था, जिसके बाद भी पुलिस आरोपी तक नहीं पहुंच पाई थी. आरोपी चुमेंद्र उर्फ लल्ला निषाद का दो बार पॉलिग्राफिक टेस्ट कराया गया और उनसे कड़ाई से पूछताछ की गई, जिसमें उसने जुर्म कबूल किया. 18 महीने के बाद पुलिस ने इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाई.


जानिए पूरा मामला
पूरा मामला 6 मार्च 2024 का है. ग्राम गनियारी में वृद्धा एवं उसकी पोती की हत्या होने से इलाके में सनसनी फैल गई थी. शरीर पर अनेक चोटों के निशान थे. घटना की सूचना पर एफएसएल, फिंगर प्रिंट, डॉग स्कॉट व वरिष्ठ अधिकारियों की पूरी टीम मौके पर पहुंची थी. मृतिकों के शव का पोस्टमार्टम कराया गया. घटना की गंभीरता को देखते हुए विवेचना के लिए विशेष टीम का गठन किया गया था.
सगाई के बाद अवैध संबंध का खुलासा होने का था डर
टीम ने घटना स्थल पर कैंप कर 62 संदेहियों से पूछताछ की. संदेहियों का पूर्व आपराधिक रिकार्ड भी खंगाला गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत अहमदाबाद एवं रायपुर में संदेहियों का ब्रेन मेपिंग, पॉलीग्राफ एवं नार्को टेस्ट कराया गया. प्राप्त रिपोर्ट से जो साक्ष्य प्राप्त हुए उनके आधार पर प्रमुख सन्देहियों से सख्ती से पूछताछ की गई, जिसमें चुमेन्द्र निषाद ने अवैध संबंध की स्वीकारोक्ति की. उसने बताया कि सगाई के बाद अवैध संबंध का खुलासा होने के डर से अपने शराब तस्करी के एक सहयोगी पंकज निषाद एवं एक अन्य साथी के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था.
19 फरवरी 2024 को आरोपी चुमेंद्र की हुई थी सगाई
मृतिका (बालिका) को यह पता चल गया था कि आरोपी चुमेंद्र की सगाई 19 फरवरी 2024 को हो चुकी है एवं अपने सहेलियों के माध्यम से मृतिका चुमेंद्र और उसके परिवार को बरबाद करने की बात बोली थी. उक्त बातों के पता चलने पर आरोपी ने अपने शराब तस्कर साथियों के साथ मिलकर मृतिका (बालिका) को मार डालने की योजना बनाई. घटना के दिन आरोपी चुमेंद्र लोगों को गुमराह करने के लिए अपने दोस्तों के साथ चौथिया खाने उतई के पास घुघसीडीह गया था, वहां से रात्रि करीब एक से 1:30 बजे के मध्य वापस गांव आया. अपने भाई को फोन करके दरवाजा खुलवाया और अपने भाई के सोने के बाद बाहर निकलकर योजना के तहत पंकज व एक अन्य साथी को व्हाट्सएप कॉल कर बुलाया तो उसके साथी पंकज निषाद व अन्य स्कॉर्पियों गाड़ी क्रमांक सीजी 06, ई 6666 में आकर मृतिका के घर के बाहर सड़क में खड़े हुए.
आरोपी को मृतका के गर्भवती होने का था शक
आरोपी चुमेंद्र मृतिका (बालिका) को आवाज देकर दरवाजा खुलवाकर अंदर गया और योजनाबद्ध तरीके से झूठ बोलकर चलो शादी करेंगे कहकर भाग चलने को कहा, किंतु मृतिका ने तुम्हारी सगाई हो गई है, मैं नहीं जाउंगी कहकर मना कर दी थी. आरोपी को यह भी शंका थी कि मृतिका (बालिका) तीन महीने से गर्भ से है. मना करने पर आरोपी चुमेंद्र ने गुस्से में आकर वहीं पड़े टंगिया से सिर में कई बार प्राण घातक हमला किया, चिल्लाने पर उसके मुह में कपड़ा ठूंस दिया था एवं उसकी दादी के उठने पर उसे भी चाकू से गर्दन में मारा, वह बचने के लिए बाहर भागी तो उसे पकड़कर उसके गर्दन में कई बार चाकू से हमला कर दिया, जिससे वह गिर गई तो उसे घसीट कर अंदर लाया. वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी ने घटना में प्रयुक्त चाकू व हाथ तालाब में धोकर अपने दोनों साथियों को बताया कि काम हो गया है. फिर वे अपने-अपने घर चले गए.
आरोपियों के खिलाफ दर्ज हैं कई मामले
पुलिस ने बताया कि आरोपी चुमेंद्र निषाद अपराधिक प्रवृत्ति का है. इसके विरूद्ध पूर्व में थाना पुलगांव में कई मामले दर्ज हैं. आरोपी पंकज निषाद के विरूद्ध भी कई प्रकरण पंजीबद्ध है. आरोपी चुमेंद्र निषाद और पंकज निषाद को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया है. आरोपियों की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त धारदार चाकू एवं आरोपी पंकज निषाद से मोबाइल व स्कार्पियों वाहन को जब्त किया गया है. घटना में एक अन्य आरोपी की भूमिका की भी पतासाजी की जा रही है. इस हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग की ओर से गठित विशेष टीम, थाना पुलगांव एवं एसीसीयू के अधिकारी कर्मचारियों की संयुक्त टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही.
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