पुरुषोत्तम पात्र,गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर सभी के होश उड़ जाएंगे. दरअसल मोहल्ले के युवक से विवाद में 1600 रुपए का मोबाइल टूट गया. जिस कारण एक शख्स ने पहले कांच पीसकर खा लिया, फिर चूहे को मारने की दवा भी पी ली. ये सब बेअसर होता देख उसने खुद के ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा दी. अब 5 दिन बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई है.
देवभोग के फोकटपारा निवासी बस कंडक्टर मो. रफ़ीक उर्फ डब्ल्यू (40 वर्ष) की रायपुर के मेकाहारा में इलाज के दौरान दिवाली की रात यानी 4 नवंबर को मौत हो गई. 31 अक्टूबर को युवक ने पेट्रोल छिड़क कर जान देने की कोशिश की थी. 20 रुपए के पेट्रोल खरीदकर अपने शर्ट में छिड़कर आग लगा ली. यह वाक्या घर के आंगन में ही हुआ. परिवार के सदस्यों ने आग बुझा कर देवभोग अस्पताल में भर्ती किया था. केवल 20 प्रतिशत जला था, लेकिन सीने के हिस्से होने के कारण बीएमओ अंजू सोनवानी ने रायपुर रेफर कर दिया.
कांच पीस कर खाया, फिर चूहे मारने की दवा भी पी
इस मामले की सूचना पुलिस को भी दी गई. रायपुर में इलाज चल रहा था, लेकिन 4 नवंबर को अचानक हृदय गति रुकने से उसकी मौत हो गई. आज मेकाहारा में शव का पीएम कराया गया. देर शाम तक मृतक का शव घर पहुंच गया है. पीएम रिपोर्ट सामने नहीं आई है. मृतक के परिजनों ने बताया कि विवाद के दिन मृतक ने कांच को पीस कर खाया, फिर चूहे मारने की दवा भी पी ली थी. बाद में पेट्रोल से खुद को आग के हवाले कर दिया.
केला ढोने पर विवाद, टूट गया मोबाइल
घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने नायब तहसीलदार अभिषेक अग्रवाल की मौजूदगी में घायल रफ़ीक उर्फ डब्ल्यू का बयान दर्ज करवाया था. थाना प्रभारी विकास बघेल ने बताया कि मृतक का विवाद 30 अक्टूबर को मोहल्ले में रहने वाले फल विक्रेता डमरू सिन्हा (26 वर्ष) से हुई थी. इसी दरम्यान उसका कीपैड मोबाइल टूट गया था. जिसे बनवाने की जिद पर अड़ा था. 31 अक्टूबर को रफीक दोबारा डमरू के घर पहुंचा और मोबाइल बनाने की मांग करने लगा. दर्ज बयान के मुताबिक मोबाइल की भरपाई नहीं होने और डमरू द्वारा परेशान करने पर ही आग लगाने की बात कही. पीड़ित के बयान के आधार पर पुलिस ने डमरू सिन्हा के खिलाफ 31 अक्टूबर को ही धारा 294, 427 के तहत मामला पंजीबद्ध किया था. मर्ग डायरी आने पर आज 306 कायम करने की बात कही है.
पुलिस और डॉक्टर से छुपाई से कांच -पॉइजन खाने की बात
डमरू के साथ यह रफ़ीक का यह पहली बार विवाद नहीं था. आए दिन छोटी-छोटी बातों पर विवाद होते रहता था. इसलिए इस बार मोबाइल टूटने के विवाद को भी परिजनों ने गम्भीरता से नहीं लिया. रफ़ीक चाहता था कि डमरू के खिलाफ़ तगड़ा पुलिस केस बने. परिजन इससे सहमत नहीं थे. इस विरोधाभास के कारण घटना के दिन रफ़ीक ने पत्नी और मां के साथ बीच सड़क में मारपीट किया था. मामला किसी तरह बिगड़ जाए इसलिए रफीक कांच के टुकड़े और चूहे मारने की दवा का लिया. लेकिन इसकी जानकारी पुलिस और डॉक्टर को 31 अक्टूबर को नहीं दी गई थी. रायपुर में हुए पीएम और जांच हिस्ट्री के बाद ही इसका खुलासा हुआ है. हालांकि इसकी अधिकृति पुष्टि नहीं हुई है.
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