पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद. देवभोग के राजपुरोहित परिवार का बेटा अशोक यूक्रेन से सकुशल वापस लौटा तो परिजनों की खुशी का ठिकाना ना रहा. उनकी ख़ुशी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अपने लाल को देखने के लिए व्याकुल परिवार की महिलाएं सीधे एयरपोर्ट पहुंच गई. बेटे की सकुशल वापसी से राजपुरोहित परिवार बेहद खुश है.

यूक्रेन से लौटे अशोक राजपुरोहित ने बताया कि फिलहाल वहां के हालात ठीक नही है. चारो और बमबारी और एलर्ट सायरन की आवाजें सुनाई देती है. उन्होंने आपबीती सुनाते हुए बताया कि उनके लिए बीते 10 दिन कितने मुश्किल भरे रहे. अशोक युक्रेन से 24 फरवरी को निकलने वाले थे लेकिन 01 मार्च को कड़ी मशक्कत के बाद यूक्रेन से निकल पाए और 05 मार्च को स्वदेश लौटे.

अशोक ने बताया कि वह यूक्रेन के बुकोविनियन स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी (बी एस एम यू) चेरनिवत्सी में फोर्थ सेमेस्टर का छात्र है. यह शहर यूक्रेन की राजधानी कीव से तकरीबन 500 किमी दूर है. युद्ध की घोषणा होने के बाद उसने अन्य साथियों के साथ स्वदेश लौटने के लिए 24 फरवरी को चिरनिवत्सी छोड़ दिया था. कीव से उनकी फ्लाइट थी, लेकिन उनके कीव पहुंचने के कुछ देर पहले ही वहां भारी बमबारी शुरू हो गई. उनकी फ्लाइट भी कैंसिल हो गई. उन्हें मजबूरन वापस चेरनिवत्सी जाना पड़ा.

अशोक ने बताया कि इसके बाद यूक्रेन के हालात रोज खराब होते चले गए. उन्हें वहां से निकलने की कोई संभावना नजर नही आ रही थी. लेकिन यूनिर्सिटी के इंडियन प्रतिनिधि सुनील शर्मा ने वहां मौजूद सभी भारतीय छात्रों की बहुत मदद की. सुनील ने इंडियन एम्बेसी से सम्पर्क कर उन्हें वहां से निकालने में बहुत मदद की. 01 मार्च को उन्हें रोमेनिया बार्डर पर पहुंचने कहा गया. वह 7 घण्टे पैदल चलकर रोमेनिया बार्डर पहुंचा. वहां की सरकार ने भी भारतीय छात्रों की बहुत मदद की.

अशोक ने बताया कि दो दिन रोमेनिया बार्डर पर रुकने के बाद 03 मार्च को उसने दिल्ली के लिए उड़ान भरी. 04 मार्च को दिल्ली पहुंच गया और फिर दिल्ली से अशोक सकुशल घर लौट आया. इस बात से तो वह खुश है मगर कैरियर की चिंता उसे अभी से सताने लगी है.

अशोक के मुताबिक यूक्रेन में जारी युद्ध के परिणाम जो भी हो, लेकिन यह सत्य है कि अब दोबारा यूक्रेन को खड़ा होने में सालो लग जाएंगे. यदि युद्ध मे रूस की विजय हुई तो पॉलिसी में बदलाव हो सकता है. अशोक के मुताबिक अब उनके लिए दोबारा बुकोविनियन स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी (बी एस एम यू) चेरनिवत्सी में जाकर पढ़ाई करना इतना आसान नही होगा.