उज्जैन। क्षिप्रा नदी में विस्फोट के साथ आग और धुएं निकलने के मामले की जांच करने ओएनजीसी की 3 सदस्यीय टीम उज्जैन पहुंच गई है। टीम के सदस्य त्रिवेणी घाट में उस जगह पहुंच गए हैं जहां धमाके हुए थे। ओएनजीसी की टीम इस बात की तस्दीक कर रही है कि जो धमाके हुए हैं वो किसी गैस की वजह से ही हुए हैं या फिर और कोई वजह हो सकती है।

ओएनजीसी की दो सदस्यी टीम आज मौके पर पहुँच कर पानी व मिट्टी के 8 सैंपल लिए, जिसे देहरादून लैब में जांच के लिए भेजा जाएगा। उत्तराखंड से जांच के लिए आए ONGC के उप-महाप्रबंधक अमित कुमार सक्सेना ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि  प्राथमिक जांच में कुछ भी कहना संभव नहीं है। हम टीम के दो सदस्य यहां पहुंचे हैं, 8 सैंपल हमने पानी और मिट्टी के लिए हैं। 15 दिनों में इसकी रिपोर्ट आएगी। जांच हेतु देहरादून लैब इसे भेजा जाना है। उन्होंने GSI की टीम द्वारा मिथेन या इथेन गैस होने की आशंका पर उन्होंने कहा कि हमारे पास GSI की कोई रिपोर्ट नहीं है और ना ही हमें पानी मे किसी प्रकार के गैस का बुलबुला दिखा। अभी कुछ भी कहना संभव नहीं है रिपोर्ट के बाद ही स्थितियां स्पष्ट होगी।

इससे पहले जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम जांच के लिए क्षिप्रा के त्रिवेणी घाट पहुंची थी। जहां उन्होंने नदी से सैंपल लेने के बाद जांच की थी और इसकी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी थी। रिपोर्ट में जीएसआई ने नदी में मिथेन-इथेन जैसी गैसों के होने का संदेह जताया था और ओएनजीसी से इसकी जांच कराने का सुझाव भी दिया था। जिसके बाद उज्जैन कलेक्टर ने ओएनजीसी के अधिकारियों से संपर्क कर जांच के लिए कहा था।

आपको बता दें आपको बता दें उज्जैन की क्षिप्रा नदी के त्रिवणी में बने स्टॉप डेम में बीते 26 फरवरी को धमाके की आवाजें आई थी और धुएं के साथ ही आग की लपटें भी निकलते नजर आई थी। इस दौरान नदी का पानी तकरीबन 10 फीट तक उछला था।