मुंबई. पूर्व क्रिकेटर और सांसद गौतम गंभीर एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार वे अपने विवादों को लेकर नहीं बल्कि अपने एक नेक काम को लेकर सुर्खियों में है.
गौतम गंभीर ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है कि ‘मेरी बच्चियों की देखभाल करने वाली कभी नौकरानी नहीं हो सकती. वह मेरा परिवार थीं. उनका अंतिम संस्कार करना मेरा कर्तव्य था.’
दरअसल, गौतम गंभीर की एक हाउस हेल्प का हाल ही निधन हो गया. वह मूलतः ओडिशा की रहने वाली थी. गंभीर ने उनका अंतिम संस्कार किया. बता दें कि यह हाउस हेल्प उनकी दोनों बेटियों-अनाइजा और आजीन की देखभाल किया करती थीं. गंभीर उन्हें भी अपने परिवार की सदस्य मानते थे. गौतम गंभीर के इस दिल छू लेने वाले कदम की हर कोई सराहना कर रहा है.
वैसे गंभीर अपने सरनाम के मुताबिक समाज के लिए काफी गंभीर रहते है. कोरोना महामारी से प्रभावित लोगों की मदद के लिए भी आगे आए हैं. उन्होंने अपना दो साल का वेतन पीएम केयर्स फंड में दान किया है. इसके अलावा पूर्वी दिल्ली में उन्होंने गरीबों को भोजन के पैकेट्स भी वितरित करते भी नजर आए थे.