नई दिल्ली. जनरल बिपिन रावत आज सेना प्रमुख के पद से रिटायर होगए. साउथ ब्लॉक में जनरल रावत को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. वहीं इससे पहले वे नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी. जनरल बिपिन रावत की जगह जनरल मनोज मुकुंद नरवणे अब नए सेना प्रमुख होंगे.

जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने जनरल रावत को शुभरामनाएं दीं. वहीं रावत ने भी जवानों के नाम संदेश देते हुए कहा कि सभी वीर जवानों को मेरी शुभकामनाएं. पिछले 3 साल में आप लोग मेरी सहयोगी रहे, उसके लिए धन्यवाद. उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख अकेले कुछ नहीं कर सकता जब तक सभी जवान उसके साथ न खड़े हों. आप सबके सहयोग के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया. उन्होंने कहा कि आगे की रणनीति के लिए अब फिर एक साथ काम करेंगे.

बता दें कि सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को सोमवार को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया. सरकारी आदेश के मुताबिक सीडीएस के पद पर जनरल रावत की नियुक्ति 31 दिसंबर से प्रभावी होगी. जनरल रावत ने 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पद संभाला था.

ये होगा सीडीएस का काम

सीडीएस का काम सेना, नौसेना और वायुसेना के कामकाज में बेहतर तालमेल लाना और देश की सैन्य ताकत को और मजबूत करना होगा.  सीडीएस तीनों सेनाओं से जुड़े सभी मामलों में रक्षा मंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार के तौर पर काम करेगा.  सीडीएस की मुख्य जिम्मेदारी अभियानों में संयुक्तता लाकर संसाधनों के इष्टतम इस्तेमाल के लिए सैन्य कमानों की पुनर्संरचना करना है. जनरल रावत चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ के तौर पर सैनिक मामलों के विभाग के भी प्रमुख होंगे. वह तीनों सैन्य सेवाओं के लिए प्रशासनिक कार्यों की देख-रेख करेंगे.

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जाने मुकुंद नरवणे के बारे में

सितंबर में थलसेना उप प्रमुख बनने से पहले नरवाने सेना की पूर्वी कमान का नेतृत्व कर रहे थे जो चीन से लगती भारत की लगभग चार हजार किलोमीटर लंबी सीमा की रखवाली करती है. नरवाने को जून 1980 में सातवीं बटालियन, सिख लाइट इन्फैंट्री रेजीमेंट में कमीशन मिला था. 59 साल के लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे को चीनी मामलों का एक्सपर्ट माना जाता है और उनके पास भारत के नॉर्थ-ईस्ट और जम्मू कश्मीर में किए गए काउंटर इनसर्जेंसी अभियानों का बहुत लंबा अनुभव है. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे ऐसे वक्त में सेना प्रमुख का पद संभालने जा रहे हैं, जब जब स्वतंत्र भारत के इतिहास में सेना के पुनर्गठन की सबसे बड़ी कवायद चल रही है. 39 साल के सैन्य करियर में नरवाने ने राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन को कमांड किया है और कई स्ट्राइक को लीड किया है. वह नेशनल डिफेंस एकेडमी के अलुमनी हैं. उनकी शादी वीणा नरवाने से हुई है और उनकी दो बेटी हैं.