मुकेश मेहता, बुदनी (सिहोर)। आज भूतड़ी अमावस्या (Bhutadi Amavasya) है। इस मौके पर मध्यप्रदेश के सिहोर, नर्मदापुरम, हरदा, जबलपुर समेत अन्य जिलों में नर्मदा घाटों पर स्नान के लिए हजारों लोग पहुंच रहे हैं।  बुदनी के रेहटी तहसील स्थित प्रसिद्ध मां नर्मदा घाट (आवलीघाट ) पर भूतों का मेला लगा है। लाखों लोग भूत उतारने के लिए जुट रहे हैं।

https://youtu.be/-uqKaEQlmLc

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के बीच चप्पलों की बरसात का VIDEO: महिला बाल विकास की बैठक के बाद जनपद पंचायत परिसर में भिड़ी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं

भूतों का मेला….जी हां! आप सही सुना। मेले तो आप ने बहुत देखे होंगे लेकिन आज आप को दिखा रहे हे भूतों का मेला। बुदनी के रेहटी तहसील स्थित प्रसिद्ध नर्मदा घाट आवलीघाट इस तट (घाट) अपना अलग महत्व है ‘नर्मदा पुराण’ में यहां का विशेष उल्लेख है।

Viral Video: एमपी में रेलवे स्टेशन पर जमकर चले लात-जूते, युवक को घसीट-घसीटकर पीटा, इधर मुक्तिधाम नहीं होने पर बरसते पानी के बीच पॉलीथीन लगाकर किया अंतिम संस्कार

हर साल नवरात्रि से एक दिन पहले आने बाली अमावस्या को (पितृमोक्ष patrimoksha) भूतड़ी अमावस्या कहा जाता है। यहाx दूर-दूर से लोग एक दिन पहले ही आ जाते हैं। इसी एक रात पहले भूतों का मेला लगता है, जिन के ऊपर बाहरी बाधा भूत पालित के शिकार हे उनका उपचार रात भर किया जाता है। यहां इलाज जिसके शरीर में देवी-देवता आते (पांडा ) वह करते है। सुबह स्नान के बाद भूत पालितो को मुक्ति मिलती है। लोग अपने अपने पांडा के साथ इकट्ठा हो कर पहुंचते है अपनी समस्या भूत पालित को दूर कराते है। यह स्नान के बाद वस्त्र भी यही छोड़ने की धारणा है। यहां वर्षों से चला अ रहा है। सभी लोग यहाँ से सालकनपुर विजासन देवी के दर्शन को पहुंचते हैं।

PFI पर बड़ा खुलासाः हर सदस्य का तैयार किया जाता था विशेष डोजियर, कोटा की तर्ज पर श्योपुर को अपना गढ़ बनाना चाहता था पीएफआई, गरीब आदिवासी संगठन निशाने पर थे

84 लाख में से एक योनि प्रेत की भी

शास्त्रों के अनुसार 84 लाख योनि में एक प्रेत योनि होती है, जिसकी अकाल मौत होती है या जिसने जीवनभर पाप किए हों, उसे प्रेत योनि मिलती है। इनकी उम्र 60 से 200 साल तक के बीच होती है। वे बताते हैं कि शास्त्रों के अनुसार भूतों का निवास अंधकार में माना गया है। उनका मानव जीवन में दखल नहीं के समान है। फिर भी कभी कोई भूत के रास्ते में आता है, तो वह इंसान हिल जाता है, लेकिन लंबे समय तक ऐसा नहीं होता।

छात्रों के लिए अच्छी खबरः एमपी में पहली बार इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट होगा तैयार, कम्पनियों की जरूरत के अनुसार दी जायेगी ट्रेनिंग

भूतड़ी अमावस्या का ये है महत्व
भूतड़ी अमावस्या विशेष रूप से अतृप्त आत्माओं की तृप्ति के लिए होती है। आज के दिन श्रद्धालु नदी में स्नान के बाद दान करते हैं। माना जाता है कि पितरों के निमित्त तर्पण करने से भी सुख, शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। भूतड़ी अमावस्या प्रेत बाधाओं को दूर करने के लिए भी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है।

देखिए हत्यारे ने पुलिस अभिरक्षा में कैसे लगाई सेंध VIDEO: गिरफ्तार होने के 24 घंटे के अंदर हुआ फरार, पहचान बदलकर 9 साल से दिल्ली में छुपा था, ASI समेत 3 सस्पेंड

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus