एक रेलवे गार्ड को चलती ट्रेन में सो रही मुंबई की एक नाबालिग के साथ छेड़छाड़ के मामले में रतलाम कोर्ट ने पाक्सो एक्ट की धारा 3/4 के तहत 10 साल की सजा सुनाई है. 46 वर्षीय गार्ड ने ट्रेन में ड्यूटी के दौरान हरकत की थी.

छेड़छाड़ का पूरा मामला पढ़िए

कोटा के जीआरपी की मेघनगर चौकी पर पांच साल पहले मुंबई की एक 12 साल की नाबालिग लड़की के परिवार ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि जब नाबालिग परिवार सहित पश्चिम एक्सप्रेस ट्रेन यात्रा कर रही थी, तब वहां ड्यूटी कर रहा रेलवे गार्ड सुभाष काॅलोनी कोटा जंक्शन निवासी इन्द्रपाल सिंह ने बच्ची के साथ छेड़छाड़ की.

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ये मामला रतलाम जीआरपी के पास पहुंचा. जांच में सिंह के खिलाफ पाॅक्सो एक्ट में FIR दर्ज की गई. मामले में विशेष न्यायालय पाॅक्सो एक्ट योगेन्द्र कुमार त्यागी ने आरोपी सिंह को 10 साल कठोर कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. रेलवे प्रशासन शीघ्र ही उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि फैसले की सत्यापित प्रतिलिपि मिलते ही सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

क्या कहता है कानून

रेलवे के किसी कर्मचारी को यदि किसी आपराधिक मामले में जेल भेज दिया जाता है और वह 24 घंटे जेल में रह लेता है तो उसे उसी दिन से स्वत: ही निलंबित मान लिया जाता है. यदि किसी मामले में फैसले में सजा हो जाती है तो रेल कर्मचारी को पहले निलंबित फिर बर्खास्त कर दिया जाता है.

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