
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने लड़कियों के स्कूल छोड़ने के मामले पर पंजाब सरकार से हलफनामा मांगा है. हाई कोर्ट ने इस मुद्दे पर स्वतः संज्ञान लिया है. पटियाला-राजपुरा हाईवे पर स्कूलों और बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण इस इलाके की कई लड़कियां स्कूल छोड़ने को मजबूर हैं. इससे पहले, हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार के वकील से पूछा था कि राज्य सरकार की उच्च माध्यमिक स्कूलों की स्थापना को लेकर क्या नीति है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, पटियाला और राजपुरा हाईवे के आसपास लगभग 10 गांव ऐसे हैं, जहां किफायती परिवहन और स्कूलों की अनुपलब्धता के कारण दर्जनों लड़कियों ने अपनी पढ़ाई छोड़ दी है. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि इस क्षेत्र में केवल लड़कियों के लिए कोई उच्च माध्यमिक स्कूल नहीं है, जिसके चलते उन्हें स्कूल छोड़ने पर मजबूर होना पड़ता है.
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हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुमित गोयल की बेंच ने इस मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार के वकील से पूछा कि राज्य में उच्च माध्यमिक स्कूल स्थापित करने को लेकर सरकार की क्या नीति है और पटियाला तथा राजपुरा के बीच लड़कियों के लिए कोई उच्च माध्यमिक स्कूल क्यों नहीं है.
7 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस हाईवे के 10 से अधिक गांवों की कई लड़कियां असुरक्षित यात्रा और परिवहन सुविधाओं की कमी के कारण स्कूल छोड़ चुकी हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इस इलाके की सड़कों की हालत बेहद खराब है और निजी परिवहन का खर्च इन छात्रों के परिवारों के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है. इस क्षेत्र के छात्रों को टूटी-फूटी सड़कों पर करीब 3 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. यहां रहने वाले अधिकतर लोग छोटे किसान या मजदूर वर्ग से हैं. अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 अप्रैल को होगी.
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