दिल्ली। बिरसा मुंडा की जंयती पर बुधवार को देश भर में उन्हें याद किया गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी भगवान बिरसा मुंडा को याद करते हुए उन्हें नमन किया. राष्ट्रपति कोविंद इस समय झारखंड के दौरे पर है. जहां उन्होंने रांची के बिरसा चौक पर भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, कि “मैं भगवान बिरसा मुंडा को उनकी जयंती पर नमन करता हूं. उनका अदम्य साहस प्रेरणा का स्रोत है.’’उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के जीवन से प्रेरित होकर हम अपने उन आदिवासी समुदायों को सशक्त करने के लिए काम कर रहे हैं जो भारत के गौरव है. इस अवसर पर मोदी ने अपने ट्वीटर पर एक वीडियों भी जारी किया है.
Inspired by the life of Bhagwan Birsa Munda, we are working towards empowerment of our tribal communities, who are India’s pride.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 15, 2017
I bow to Bhagwan Birsa Munda on his Jayanti. His indomitable courage is a source of motivation. pic.twitter.com/LtIc1VOyG7
— Narendra Modi (@narendramodi) November 15, 2017
राहुल गांधी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा,‘भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर श्रद्धांजलि. उन्होंने ब्रिटिशों के खिलाफ अनुकरणीय साहस के साथ लड़ाई लड़ी और आदिवासियों के सशक्तिकरण के लिए मार्ग का नेतृत्व किया.
My tributes to Bhagwan Birsa Munda on his Jayanti. He fought against the British with exemplary courage and led the way for the empowerment of tribals.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 15, 2017
वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि अंग्रेज़ों के दमन और अत्याचार के विरुद्ध आदिवासियों के हक के लिए लड़ने वाले आदिवासी जननायक वीर बिरसा मुंडा को उनकी जयंती पर सादर नमन.
अंग्रेज़ों के दमन और अत्याचार के विरुद्ध आदिवासियों के हक के लिए लड़ने वाले आदिवासी जननायक वीर बिरसा मुंडा को उनकी जयंती पर सादर नमन। pic.twitter.com/XDTGmKqm5k
— Dr Raman Singh (@drramansingh) November 15, 2017
गौरतलब है कि आदिवासी वीर योद्धा भगवान बिरसा मुंडा की आज 142वीं जयंती है. जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी. बिरसा मुंडा आदिवासी नेता और लोक-नायक थे जो कि मुंडा जाति से संबंधित थे. हम आज की बात करें तो भारत में रांची और सिंहभूमि के आदिवासी बिरसा मुंडा को अब ‘बिरसा भगवान’ कहकर याद करते है.
दरअसल मुंडा आदिवासियों को अंग्रेजों के दमन और अत्याचार के विरुद्ध खड़ा करके बिरसा मुंडा ने यह सम्मान अर्जित किया था.19वीं सदी में बिरसा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में एक मुख्य कड़ी साबित हुए थे. उनके द्वारा चलाया जाने वाले आंदोलन ने बिहार और झारखंड में खूब प्रभाव डाला था. केवल 25 वर्ष के जीवन में उन्होंने इतने मुकाम हासिल कर लिए थे कि आज भी भारत की जनता उन्हें याद करती है.