गोक्षुर के पत्ते चने की तरह होते है, जिसके कारण इसे संस्कृत में इसे चणद्रुम कहते हैं। इसके तने १.५ मी लम्बे होते है। पत्ते चने के पत्तों की तरह होते है लेकिन इनका आकार बढ़ा होता है। फूल पीले रंग के होते है जो छोटे और कांटों से युक्त होते है। यह सेहत और रोगों दोनों के लिए औषधि की तरह काम में लिया जाता है। मूत्राशय संबंधी रोग, सूजन, दर्द को कम करने वाला होता है। गोखुर के अनगिनत गुणों के कारण आयुर्वेद में बड़े स्तर पर इसका प्रयोग किया जाता है।

जमा बढ़ाये

गोखरू का काढ़ा हजम शक्ति को मजबूत बनाता है। कमजोर हजम शक्ति वाले लोगों को गोखरू का सेवन करना चाहिए। इससे खाना पचने में आसानी होती है। ३० से ४० मिली गोखरू काढ़ा में ५ ग्राम पीपल का चूर्ण पियें। इससे पाचन-शक्ति बेहतर होती है।

मूत्र विकारों में लाभ

पेशाब करने के दौरान दर्द, पेशाब में जलन व विभिन्न प्रकार के मूत्र रोगों में गोखरू एक शक्तिशाली उपाय है। इसे गाय के दूध में मिलाकर पियें इससे दर्द और जलन दोनों में आराम मिलेगा और उचित पेशाब को भी उत्तेजित करने में मदद करेगा यह हल्का मूत्रवर्धक है जिससे डिसुरिया का भी इलाज होता है इसमें एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते है जो मूत्र संक्रमण को रोकते है।

पथरी या अश्मरी में

पथरी की समस्या से बहुत से लोग परेशान है गोखरू का सेवन पथरी को प्राकृतिक रूप से बाहर कर देता है ५ ग्राम गोखरू चूर्ण लें इसमें १ चम्मच शहद मिला लें और दिन में ३ बार इसका सेवन करें इसके ऊपर बकरी का दूध पी लें इससे अश्मरी टूटकर निकल जाती है।

यौन स्वास्थ्य और सहनशक्ति में बढ़ावा

यह पुरुषों के स्वास्थ्य में भी सुधार करने में सहायक है। यह एक तरह का प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है जो टेस्टोस्टेरोन और ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन का उत्पादन बढ़ाता और उसमें सुधार करता है। स्तंभन दोष और शीघ्रपतन का भी इलाज करता है।

चर्मरोग में

यह एक तरह का प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट और क्लींजर है। जो उम्र बढ़ने के विभिन्न लक्षणों जैसे : झुर्रियों, काले घेरे, धब्बों, महीन रेखाओं आदि का इलाज करता है। मुंहासों, फुंसियों को भी कम करता है। कई लोगों को त्वचा से संबंधित रोग हो जाते है जिसका कारण है अत्यधिक प्रदूषण।

6) सिरदर्द में, 7) दस्त रोकने में 8) पीसीओएस का इलाज9) दमा में राहत10) कार्डियक फंक्शनिंग को बढ़ावा11) दर्द से दे मुक्ति12) चिंता और अवसाद के लिए13) मस्तिष्क के कामकाज को बढ़ावा14) लो स्पर्म काउन्ट में15) गर्भाशय शूल या यूटेरस के दर्द में16) आमवात या रूमाटाइड के दर्द में आराम17) कामेच्छा को बढ़ाने में18) शरीर सौष्ठव के लिए19) कान-नाक से खून बहना 20) बुखार में.