रायपुर. प्रदेश की विष्णुदेव साय की सरकार ने एक शानदार पहल करते हुए न्योता भोजन कार्यक्रम का आयोजन शुरु किया है.. छत्तीसगढ़ में भाजपा की विष्णुदेव साय सरकार बनने के बाद विकास को हर कोणे से छूने की उल्लेखनीय कोशिश की जा रही है. छत्तीसगढ़ के स्कूलों में पढ़ने वाले नौनिहालों को मिड डे मील के अलावा अतिरिक्त पोषण देने के उद्देश्य से शुरू की गई
क़वायद का नाम है न्योता भोजन कार्यक्रम.

भारत सरकार की प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के “तिथि भोजन” कार्यक्रम के ही तर्ज़ पर तैयार की गई है न्योता भोजन कार्यक्रम. न्योता भोजन सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है. इसके तहत समाज के लोग, संगठन, या कोई भी व्यक्ति, स्कूल में बच्चों को भोजन करा सकता है. त्योहार, वर्षगांठ, जन्मदिन, विवाह और राष्ट्रीय पर्व जैसे अवसरों में सामूहिक भोज कराने की भारतीय परम्परा को पूरी सार्थकता के साथ निभाने वाला ये एक अनूठा प्रयास साबित हो रहा है. न्योता भोजन की अवधारणा को विष्णुदेव साय सरकार की पहल से सफलतापूर्वक जनांदोलन बनाया जा रहा है.

न्योता भोजन कार्यक्रम छत्तीसगढ़ के स्कूलों में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को दिए जाने वाले गर्म भोजन को सामुदायिक भागीदारी से और भी पोषक बनाने की अभिनव पहल है. शाला अवधि में विद्यार्थियों को भोजन प्रदाय करने के लिए संचालित प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना गाईडलाईन में सामुदायिक आधार पर तिथि भोजन के प्रावधान के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में इसे ‘न्योता भोजन’ के नाम से लागू करने का निर्णय लिया गया है. न्योता भोजन कार्यक्रम कुछ पुनीत उद्देश्यों के साथ अस्तित्व में आया है. इससे समुदाय के बीच अपनेपन की भावना का विकास हो रहा है, समुदाय की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा रहा है, छात्रों के भोजन में पोषक तत्व में बढ़ोतरी हो रही है, सभी समुदाय वर्ग के बच्चों
में समानता की भावना विकसित हो रही है, समाज में बढ़ते कुपोषण की समस्या पर काफ़ी हद तक अंकुश लगाया जा रहा है.

न्योता भोजन पूरी तरह से स्वैच्छिक है. कोई भी समुदाय, सामाजिक संगठन, स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं या अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में खाद्य सामग्री का योगदान कर सकता है. न्योता भोजन, स्कूल में दिए जाने वाले भोजन के अतिरिक्त विद्यार्थियों को दिए जा रहे भोजन का पूरक होगा. अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में मिठाई, नमकीन, फल या अंकुरित अनाज आदि के रूप में बच्चों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान कर सकते हैं. समुदाय के सदस्य स्कूल के लिए किचन के बर्तन भी उपलब्ध करा सकते हैं.

‘न्योता भोजन’ में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के दिशा निर्देश के अध्याय 12 में ‘तिथि-भोजन’ का हुबहू पालन किया जा रहा है..मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के विशेष निर्देश पर राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में सभी जिला कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. जिले में अब तक का 40वाँ न्योता भोज रायपुर कलेक्टर डॉ गौरव कुमार सिंह ने रायपुर के इंद्रप्रस्थ कॉलोनी डिमरापारा के शासकीय प्राथमिक शाला में अपनी पुत्री के जन्मदिन के अवसर पर दिया. ‘न्योता भोजन’ कार्यक्रम में समुदाय के ऐसे दान दाताओं की पहचान की जा सकती है, जो नियमित रूप से प्रति माह में कम से कम एक दिन शाला में ‘न्योता भोजन’ करा सके. दान दाताओं को प्रोत्साहित करने के लिये उन्हें शाला की प्रार्थना सभा अथवा वार्षिक दिवस में सम्मानित करने, और बड़े दानदाताओं को स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस समारोह में सम्मानित किए जाने का निर्देश है.

न्योता भोजन के लिए दानदाताओं को भोजन दान की महत्ता को लेकर भी जागरूक किया जा रहा है. भोजन दान महादान है इस तथ्य को भी प्रचारित किए जाने की योजना है. नियमित दानदाता समुदायों के लिए शाला स्तर पर एक रोस्टर तैयार किया जा रहा है. इसी प्रकार गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त डॉ. ललित शुक्ला ने अपने जन्मदिन पर स्कूली बच्चों को भोजन कराया. ‘न्योता भोजन’ पूरे विद्यालय या किसी कक्षा विशेष के बच्चों को कराया जाता है. इस दिन दान दाताओं को भी आमंत्रित करने के सम्बंध में निर्देश है. ‘न्योता भोजन’ की घोषणा दान-दाता के नाम के साथ ही
प्रार्थना के दौरान ही कर दी जाती है.

उप मुख्यमंत्री अरुण साव, स्वास्थ्य मंत्री और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के प्रभारी मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल,विधायक धरमलाल कौशिक, प्रणव कुमार मरपच्ची और किरण सिंह देव भी पेंड्रा में स्कूली बच्चों के न्योता भोज में शामिल हुए
थे. उन्होंने बड़े स्नेह से बच्चों को भोजन परोसा और उनके साथ जमीन पर बैठकर खाना खाया. जगदलपुर जिला कलेक्टर विजय दयाराम ने बच्चों के साथ सामूहिक भोज और समाजों की सहभागिता के साथ सप्ताह में न्योता भोजन करवाने की पहल की थी।

बलरामपुर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के जन्मदिवस के अवसर पर गणमान्य नागरिकों ने जिले के स्कूल,आश्रम, छात्रावासों में न्योता भोजन के तहत बच्चों को स्वादिष्ट भोजन कराया.. ‘न्योता भोजन’ के अन्तर्गत कच्ची खाद्य सामग्री भी प्रदान की जा सकती है, जिसे शाला के रसोइयों के द्वारा बनाकर बच्चों को परोसा जा सकता है. ‘न्योता भोजन’ कार्यक्रम में कुछ आवश्यक बातों का ध्यान भी रखा जाना चाहिए जैसे दान-दाताओं द्वारा प्रदान किया जाने वाला खाद्य पदार्थ या सामग्री उस क्षेत्र के खान-पान के अनुरूप होना चाहिए, जिसे फूड हैबिट कहते हैं.. सम्पूर्ण भोजन कराए जाने की स्थिति में दानदाताओं को वो भोजन उपलब्ध कराना चाहिए जो बच्चे नियमित रूप से ग्रहण करते हैं.

भोजन जिसमें दाल, सब्जी, चावल जैसी तमाम बुनियादी चीजों का समावेश हो.. फल, दूध, मिठाई, बिस्कुट, हलवा, चिक्की,
अंकुरित खाद्य पदार्थ जैसे सामग्री, जो बच्चों को पसंद हो उसका चुनाव अतिरिक्त पूरक पोषण सामग्री के रूप में किया जाना चाहिए.. मौसमी फल अपेक्षाकृत सस्ते एवं पौष्टिक होते है इसलिए ‘न्योता भोजन’ में पौष्टिक एवं स्वादिष्ट मौसमी फलों का चयन भी पूरक पोषण सामग्री के रूप में किया जाना चाहिए.. बच्चों से पूछकर उनके रुचि के अनुरूप खाद्य पदार्थों की सूची तैयार की जानी चाहिए जो बच्चे ‘न्योता भोजन’ में खाना चाहते हो और इस सूची को दान-दाताओं को उपलब्ध कराया जाना चाहिए, जिससे वे बच्चों के पसंद की खाद्य सामग्री का अपने बजट के अनुसार चयन कर बच्चों को ‘न्योता भोजन’ में उपलब्ध करा सकें..‘न्योता भोजन’ के लिए किसी किस्म की कोई राशि कैश या चेक के रूप में शाला द्वारा स्वीकार नहीं किया जा सकता.

इसी प्रकार मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के जन्मदिवस के अवसर पर २१ फ़रवरी को राजनांदगांव जिले के सभी आश्रम एवं
छात्रावास में किया गया न्योता भोजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. ‘न्योता भोजन’ तीन प्रकार के हो सकते हैं पूर्ण भोजन जो शाला की सभी कक्षाओं के लिए होगा, आंशिक पूर्ण भोजन जो शाला के किसी कक्षा विशेष के लिए होगा इसके अलावा है अतिरिक्त पूरक पोषण सामग्री. सांस्कृतिक रूप से स्वीकार्य खाद्य पदार्थों को उपलब्ध कराने के मामले में पर्याप्त सावधानी
बरतते हुए शाला प्रबंधन समिति की बैठकों के दौरान ‘न्योता भोजन’ के प्रावधान, दान-दाताओं की पहचान,‘न्योता भोजन’ की समय सारणी,खाद्य पदार्थों के प्रकार और मात्रा पर नियमित चर्चा किए जाने के अलावा इस बात का भी निर्देश दिया गया है कि प्रदान किये गये भोजन की संख्या और प्रकार, अतिरिक्त खाद्य सामग्री, खाद्य सामग्रियों की एक्सपायरी डेट की जानकारी की प्रविष्टियों के लिए एक रजिस्टर रखा जाए, शाला से विकासखण्ड कार्यालय में भेजे जाने वाले मासिक प्रपत्र में न्योता भोजन की विस्तृत जानकारी दी जाए.

न्योता भोजन कार्यक्रम के जरिये छत्तीसगढ़ के अलग अलग स्थानों में स्कूली छात्रों को अतिरिक्त पोषण आहार मुहैया कराने सीएम विष्णुदेव साय के पहल की सभी सराहना कर रहे हैं..इस कार्यक्रम से सामुदायिकता की भावना स्कूली बच्चों में विकसित हो रही है,साथ ही ग्रामीण इलाकों के बच्चों में विकास और सुशासन की मुख्यधारा से जुड़ने की ललक साफ दिखाई देने लगी है,जो सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है.

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