रायपुर- मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश के सरकारी कॉलेजों, विश्विद्यालयों और शतप्रतिशत अनुदान प्राप्त अशासकीय कॉलेजों के शिक्षकों के लिए सातवे वेतनमान की घोषणा की है। डॉ. सिंह ने कहा है कि उन्हें इसका एरियर्स भी दिया जाएगा। इसके साथ ही राज्य के सरकारी विभागों के महिला कर्मचारियों को चाइल्ड केयर लिव की पात्रता होगी। उन्हें नियमानुसार इसका लाभ दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री आज रात पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के सभागृह में नवा छत्तीसगढ़ 2025 के विजन कार्यक्रम के तहत प्राध्यापकों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा – छत्तीसगढ़ राज्य में हिन्दुस्तान मे नई ऊचाईयों तक जाने के लिए उर्जा, उत्साह और संसाधन है। दुनिया की कोई ताकत हिन्दुस्तान के अगणी राज्य बनने से रोक नहीं सकती। शिक्षकों में पीढियों के निर्माण का अनुभव होता है और सृजन की ताकत होती है। उनके सुझावों को नवा छत्तीसगढ़ निर्माण के लिए तैयार किए जा रहे विजन में शामिल किया जाएगा।
 मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने इस अवसर पर राज्य के शासकीय महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों और शतप्रतिशत अशासकीय अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों के प्राध्यपकों को एक जनवरी 2016 से सातवे वेतनमान के अंतर्गत यूजीसी वेतनमान देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि एरियर्स की राशि भी दी जाएगी। डॉ. सिह ने कहा कि राज्य के महिला कर्मचारियों को बच्चों की देखभाल के लिए दो बच्चों की सीमा तक बच्चे की 18 वर्ष की होने की अवधि में उनके सेवा काल में 730 दिन का चाइल्ड केयर लीव भी दिए जाने की घोषणा की। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव एस.के. जायसवाल, विलासपुर विश्वविद्यालय के कुलपति जी.डी शर्मा और पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलपति के एल वर्मा उपस्थित थे।
        डॉ. सिंह ने कहा – नये छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए वर्ष 2003 से 2018 तक विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए पृष्ठभूमि तैयार हो चुकी है। इस पृष्ठभूमि में बुलंद इमारत रखने की नया छत्तीसगढ़ बनाने के विजन तैयार किया जा रहा है और इस प्रक्रिया में सभी वर्गों के सुझाव लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि नए छत्तीसगढ़ निर्माण के लिए विभिन्न सेक्टरों में सुझाव लेने के लिए इस चर्चा की शुरूआत उच्च शिक्षा विभाग से हो रही है। उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने भी प्राध्यापकों को सम्बोधित किया। उच्च शिक्षा विभाग के सचिव सुरेन्द्र कुमार जायसवाल ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. के.एल. वर्मा और बिलासपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जी.डी. शर्मा भी मौजूद थे।