नई दिल्ली. स्मार्टफोन का लोकेशन ऑफ करना भी कई बार आपको ट्रैक होने से नहीं बचा सकता है. ताजा उदाहरण गूगल है लोकेशन है. लोकेशन ऑफ करने के बाद यूजर्स श्योर हो जाते हैं कि अब उन्हें कोई ट्रैक नहीं कर सकता है. लेकिन गूगल लोकेशन ऑफ होने के बाद भी आपकी लोकेशन ट्रैक करता है और जानकारियां अपने पास रखता है.
AP की रिपोर्ट के मुताबिक गूगल द्वारा कलेक्ट किया गया डेटा मिनट दर मिनट का होता है. गूगल इसे न सिर्फ गूगल मैप्स के जरिए ट्रैक करता है बल्कि ब्राउजर, वेदर अपडेट्स और ब्राउजर सर्च के आधार पर भी ट्रैक करता है. लोकेशन ऑफ करने से सिर्फ इतना होगा कि आपकी लोकेशन टाइमलाइन पर नहीं दिखेगी, लेकिन फिर भी आप ट्रैक किए जा रहे हैं.
हालांकि यह पहली बार नहीं हुआ है जब ये खबर आई कि गूगल आपकी लोकेशन ट्रैक कर रहा है. पिछले नवंबर में क्वॉर्ट्ज ने एक रिपोर्ट पब्लिश की थी. इसमें कहा गया है कि लोकेशन ऑफ करने के बावजूद नजदीकी फोन टावर से आपकी लोकेशन डेटा गूगल को भेजी जाती है. इतना ही नहीं सिम न होने की स्थिति में भी ऐसा होता है. लेकिन इस रिपोर्ट में सेल फोन टावर नहीं, बल्कि इसके लिए गूगल की वेब सर्विस को जिम्मेदार ठहराया गया है.
ब्लूमबर्ग को दिए गए एक बयान में गूगल ने कहा है, ‘लोकेशन हिस्ट्री गूगल का प्रोडक्ट है और यह आपकी मर्जी पर है. आप इसे एडिट या डिलीट कर सकते हैं बंद या चालू कर सकते हैं. हम आगे भी गूगल एक्सपीरिएंस के लिए लोगेशन का इस्तेमाल करते रहेंगे ताकि उन्हें गूगल सर्च या ड्राइविंग में सहूलियत हो.