डिलेश्वर देवांगन, बालोद। कंगला मांझी सरकार के शहादत दिवस पर बाघमार गांव में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मौजूद राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कंगला मांझी स्मारक स्थल पर पहुंच कर श्रद्धांजलि दी, इसके बाद विभिन्न क्षेत्रों के आदिवासी देवी-देवताओं को नमन किया.

राज्यपाल अनुसुइया उइके ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि छत्तीसगढ़ में भी ऐसे कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी है, जिन्होंने देश की आजादी में अपनी महत्वपूर्ण हिस्सेदार निभाई है. पुरुषों के साथ महिलाएं भी अपने अलग अंदाज में शांतिप्रिय तरीके से स्वतंत्रता को लेकर कार्य किया. कंगला मांझी का मानना था कि देश तभी समृद्ध बनेगा, जब आदिवासी समाज समृद्ध बनेगा. राष्ट्र हित की दिशा में मांझी सरकार ने भरसक प्रयास किया.

उन्होंने कहा कि पैसों का लालच देकर आदिवासियों को उनके जल-जंगल-जमीन से बेदखल किया जा रहा है, जिसको लेकर वह लगातार आदिवासियों के हित में उन्हें न्याय दिलाने के लिए प्रयास कर रही हैं. इस अवसर पर राजमाता सहित कंगला मांझी के अनुयायियों ने राज्यपाल के समक्ष मांग रखी, जिसे पूरा करने के लिए उन्होंने हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया.