भोपाल। मध्यप्रदेश में आज बुधवार से डॉक्टर्स की बड़ी हड़ताल (Doctors strike in MP) शुरू हो गई है. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मध्यप्रदेश चिकित्सक महासंघ के बैनर तले हड़ताल का ऐलान किया है. हड़ताल को सरकारी जूनियर डॉक्टर्स और डॉक्टर से जुड़े 7 संगठनों का समर्थन मिला है. सभी जिलों में हड़ताल के पहले दिन सुबह 8 बजे से काली पट्टी बांधकर डॉक्टर कार्य कर रहे हैं. आज प्रदेश के लगभग 10 हज़ार डॉक्टर्स आंदोलनरत हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ सकती है.

दरअसल 16 फरवरी को सुबह 10 बजे से 12 बजे तक कार्य बंद रखा जाएगा. जिसमें रूटीन कार्य दिन में ओपीडी, आईपीडी ऑपरेशन, एमएलसी और पोस्टमार्टम जैसे कार्य बंद किए जाएंगे, सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेगी. इसके साथ ही 17 फरवरी को सुबह 8 बजे से संपूर्ण कार्य बंद किया जाएगा. जिसके चलते ओपीडी वार्ड राउंड सहित इमरजेंसी एमएलसी पोस्टमार्टम सेवाएं भी बंद कर दी जाएंगी.

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प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुनील अग्रवाल का कहना है कि मध्य प्रदेश का चिकित्सा स्तर देश की सूची में लगातार निचले पायदान पर आ रहा है. लगातार चिकित्सकों को शासकीय अस्पतालों मेडिकल कॉलेजों से नौकरी छोड़ना पड़ रहा है. हर स्तर पर विषय विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी होती जा रही है. पिछले 20 सालों से कार्यस्थल में उचित चिकित्सा आधारभूत संसाधनों की कमी है.

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यही वजह है कि इन सभी व्यवस्थाओं को मजबूत करने के साथ ही DACP और पुरानी पेंशन लागू करने की मांग उठाई गई है. यदि सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो है, आंदोलन और बड़ा रूप लेता जाएगा. मध्य प्रदेश भर के 13 मेडिकल कॉलेज को जोड़ते हुए 38 जिलों में चिकित्सक बचाओ चिकित्सा बचाओ यात्रा भी निकाली जा चुकी है, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों पर गौर नहीं किया. अब मजबूरन उन्हें यह कदम उठाना पड़ रहा है.

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