दुर्ग। सरकार के किसानों को 2 साल के बोनस की घोषणा के बाद राज्य सरकार और भाजपाइयों ने राहत की सांस जरूर ली होगी पर बोनस की घोषणा के अगले ही दिन दुर्ग के लिटिया में सैकड़ों किसान सड़कों पर उतर आएंगे ऐसा किसी ने सोचा नहीं होगा.
ग्राम लिटिया में शुक्रवार को फसल बीमा की राशि की मांग को लेकर सैकड़ों किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. किसानों के आंदोलन को समर्थन देने गाँव की सभी दुकानें ग्रामीणों ने स्वयं बंद कर रखी थी। किसान और महिलाएं अपनी मांगों को लेकर सेवा सहकारी समिति में ताला जड़ने के लिए निकले जहाँ मौजूद पुलिस कर्मियों ने तालाबंदी से रोका जिसके बाद दोनों पक्षों में जमकर झड़प हुई.
आधे घंटे चली इस झड़प में पुलिस के पसीने छूट गए। कई बार लाठीचार्ज करने जैसी स्थिति भी बनी. भाजपा किसान संगठन के नेता श्यामलाल साहू ने समझाइश देकर किसानों को लिटिया तिराहा ले गए जहां ग्रामीणों ने चक्का जाम कर दिया। किसानों ने अपने बयान में सरकार द्वारा बोनस की घोषणा को लॉलीपॉप बताते हुए यह भी कहा कि हर बार की तरह चुनाव आते ही सरकार इस तरह के जाल बिछाकर कर किसानों को फसाना चाहती है. अब किसान समझ चुके है और सरकार के झांसे में नही आने वाले है।
पूरा मामला दरअसल 2015 की फसल बीमा की राशि से जुड़ा है जिसमे समिति प्रबंधक ने पटवारी हल्का नम्बर 23 को 26 कर दिया था जिसकी वजह से 23 हल्का नंबर में पीड़ित 359 किसानों को अब तक मुआवजा नही मिल पाया है. किसानों ने 2 साला तक लगातार ज्ञापन के माध्यम से जिला प्रशासन को सूचित भी किया था।
महीनेभर पहले 15 दिनों के भीतर किसानों को बीमा की राशि मिलने का आश्वासन दिया गया था अपनी मांग के लिए किसानों ने क्रमिक रूप से 20 किसान 18 दिन तक भूख हड़ताल भी किये है किसानों ने मांग पूरी नही होने पर आज अपने आंदोलन को उग्र रूप दिया जिसके बाद प्रशासन के कान में जूं रेंगी। शासन प्रशासन हरकत में आते हुए लिटिया के पटवारी हल्बा में गड़बड़ी करने वाले के सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक को सस्पेंड कर दिया गया और बीमा कंपनी के आला अधिकारियों से बातचीत कर मसले को जल्द हल करने की बात कही है…