सत्यपाल सिंह,रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना काल के दौरान अस्थायी कोविड कर्मचारियों ने कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम किया था. जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण कम हुआ, तो उनकी सेवा समाप्त कर दी गई. जिससे नाराज कोविड कर्मचारियों ने सेवा वृद्धि की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. पिछले 18 दिन से क्रांतिकारी कोरोना योद्धा संघ के बैनर तले रायपुर के बूढ़ातालाब स्थित धरना स्थल पर हड़ताल कर रहे हैं. जिसमें डॉक्टर, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, नर्सिंग स्टाफ, लैब तकनीशियन, स्वास्थ्य संयोजक, वार्ड बॉय, कंप्यूटर ऑपरेटर और सफाई कर्मी शामिल हैं.

अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोविड-19 के दौरान सेवा में लिए गए कोविड स्वास्थ्य कर्मियों की सेवा-निरंतरता और उनकी सेवा शर्तां के लिए भी वरिष्ठ अधिकारियों की एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए है. जिसके बाद स्वास्थ्यकर्मियों ने राहत की सांस ली है. क्रांतिकारी कोरोना योद्धा संघ छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष हुमेश जायसवाल का कहना है कि पिछले 18 दिन से सेवा वृद्धि की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन हमारी मांग नहीं सुनी जा रही थी.

लल्लूराम की खबर का बड़ा असर: शिक्षाकर्मियों की अनुकंपा नियुक्ति और कोरोना ड्यूटी करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के मामले में गठित होगी कमेटी- CM भूपेश

प्रदेश के प्रतिष्ठित और नंबर-1 वेब पोर्टल lalluram.com ने हमारी मांग की खबरों को प्रमुखता से उठाया. जिसके बाद सरकार ने हमारी मांगों पर कमेटी गठित की है. जिसके लिए कर्मचारियों ने lalluram.com की टीम को तहे दिल से धन्यवाद कहा है. उन्होंने कहा कि आपसे उम्मीद है कि हमेशा प्रदेश के हर दबे वर्ग की आवाज बने रहेंगे.

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सेवा वृद्धि की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे प्रदेश के आंदोलनकारी कोरोना योद्धा विनय टण्डन, अजमत सिद्दीकी, प्रवीण चंद्रा, अनिता राठौर, डॉ. अनिल, ममता राठौर, मनीष सिंह, लक्ष्मी पटेल, विजया साहू, गंगाराम धीवर, भुनेश्वर साहू, सुरुचि जंघेल और सभी आंदोलनकारियों ने lalluram.com को धन्यवाद ज्ञापित किया है.

अस्थायी कोविड कर्मचारी स्वास्थ्य कर्मियों की मांग है कि कोरोना काल के दौरान अस्थाई रूप से भर्ती स्वास्थ्य कर्मियों को कार्य पर निरंतर रखा जाए. जिनकी सेवा समाप्त कर दी गई है उन्हें पुनः कार्य पर निरंतर रखा जाए. इन मांगों को लेकर कर्मचारियों 18 दिन से आंदोलन पर हैं.

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